EPS 95 Pension Ka Kya Hua: दिल्ली जंतर मंतर पर आज का आंदोलन

EPS 95 Pension Ka Kya Hua: आज दिनांक 31 जुलाई 2024 को, EPFO के अंतर्गत आने वाले देश के 78 लाख पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन में वृद्धि के लिए ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के बैनर तले अशोक रावत जी की अध्यक्षता में एक आंदोलन दिल्ली के जंतर मंतर पर हुआ।

हजारों पेंशनधारक शामिल, सांसदों का समर्थन

ईपीएस 95 पेंशनभोगियों के इस आंदोलन में हजारों की संख्या देखने को मिली और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से 10 से अधिक सांसदों ने धरना स्थल पर पहुँचकर ईपीएस 95 पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन ₹7500/-, महंगाई भत्ता, और मेडिकल सुविधा की मांग का समर्थन भी किया।

EPS 95 Pension Ka Kya Hua: जंतर मंतर से अशोक रावत ने क्या कहा

दिल्ली के जंतर मंतर पर ईपीएस 95 पेंशनर्स के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे श्री देशमुख, खासदार यवतमाल, और श्री आष्टीकर खासदार जी के सामने अशोक रावत ने अपनी चार सूत्रीय मांगे रखी और संसद में EPS 95 पेंशन के मुद्दे को उठाने के लिए गुहार लगाई।

अशोक रावत ने कहा कि पिछले 8 वर्षों से देशभर के 78 लाख पेंशनर न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इन पेंशनधारकों ने अपने सेवाकाल में ₹417, ₹541 और ₹1250 प्रति महीने का अंशदान EPFO की इस ईपीएस 95 योजना में किया है। इसके बावजूद उन्हें औसतन ₹1171/- पेंशन मिल रही है।

सांसदों का ईपीएस 95 पेंशनभोगियो को समर्थन

सांसद आष्टीकर ने भरे मंच से ईपीएस 95 पेंशनधारकों को अपना समर्थन दिया और कहा, “यह आपका अपना पैसा है जो आपने सरकार के पास जमा रखा था। आपकी मांग जायज है और आपको आपका हक मिलना चाहिए। मैं और मेरे पार्टी के अन्य लोग मिलकर लोकसभा में आपकी मांगे रखेंगे और जल्दी ही आपकी मांगे पूरी होंगी।”

यवतमाल के सांसद श्री देशमुख ने कहा, “ईपीएस 95 पेंशनधारकों की मांगे हमारी पार्टी की ओर से तीन दिनों के अंदर ही सदन के पटल पर रखी जाएंगी। हमारे देश में जहां एक ओर सांसदों को ₹50,000 प्रति महीने पेंशन दी जाती है, वहीं दूसरी ओर जिन लोगों का पैसा सरकार के पास जमा है, उन्हें ₹1000 भी पेंशन नहीं मिल रही है, यह बड़े दुःख की बात है।”

आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे सांसद

आज के इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से 10 से अधिक सांसद जंतर मंतर पहुंचे थे और अपना समर्थन पेंशनधारकों को दिया। इन सांसदों में शामिल रहे:

  • बंदू जी जाधव, खासदार परभणी
  • श्री देशमुख, खासदार यवतमाल
  • श्री अस्तलीकर, खासदार
  • शिरडी लोकसभा, खासदार
  • सोमाताई बक्शव, खासदार
  • भगड़े, खासदार
  • श्री राजाभाऊ वाजे, खासदार
  • राजे साहू महाराज, खासदार
  • श्री कल्याण काले, खासदार जालाना
  • ओमराजे निंबालकर, खासदार दाराशिव

EPS 95 पेंशन का क्या हुआ? क्या है पूरा मामला?

दरअसल, EPS-95 के तहत आने वाले सभी कर्मचारियों का बेसिक पे का 12% EPFO खाते में जमा होता है। नियोक्ता के 12% के हिस्से में से 8.33% ईपीएस खाते में जमा किया जाता है। इसके अलावा, पेंशन कोष में सरकार भी 1.16% का कंट्रीब्यूशन करती है।

वर्तमान ईपीएस 95 पेंशन स्थिति

वर्तमान पेंशन सितंबर 2014 में लागू किए गए नियमों के आधार पर दी जा रही है। केंद्र सरकार के अनुसार न्यूनतम पेंशन ₹1000/- है, लेकिन श्रमिक संगठनों का मानना है कि अभी भी 36 लाख ईपीएस 95 पेंशनभोगियों को न्यूनतम पेंशन ₹1000 भी नहीं मिल रही है जबकि EPFO के अनुसार ईपीएस 95 पेंशनर्स की संख्या तकरीबन 70 लाख है।

ईपीएस 95 पेंशनभोगियों की मांगे

  1. न्यूनतम पेंशन में वृद्धि: न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर ₹7500/- किए जाने की मांग है ताकि उन्हें बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
  2. मेडिकल सुविधाएं: सरकारी अस्पतालों में मुफ्त या सब्सिडी दरों पर चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने की मांग।
  3. महंगाई भत्ता (डीए): महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए महंगाई भत्ता की मांग ताकि पेंशन राशि समय-समय पर महंगाई के साथ समायोजित हो सके।
  4. उच्च पेंशन व अन्य के लिए मांग: सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार उच्च पेंशन और योजना में शामिल नहीं हुए पेंशनर्स के लिए न्यूनतम ₹5000/- प्रति महीना की मांग।

इस आंदोलन ने EPS 95 पेंशनर्स की समस्याओं को राष्ट्रीय पटल पर उठाया और सरकार से तुरंत कदम उठाने की मांग की।

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1 thought on “EPS 95 Pension Ka Kya Hua: दिल्ली जंतर मंतर पर आज का आंदोलन”

  1. We should not stop the agitation until we get a firm written commitment from the Govt. to pay our Pension atleast at the prevailing rate for other Pensioners along with DA & ARREARS as we were the ones shown the way to contribute to the Pension Fund while on service in the hard days of Tax Raj when the salaries/wages were the minimum. Involve all concerned to raise voice for us who believes in ‘jeevo aur jeeney do”. At this age we need ACTION not GUARANTEES or WARRANTIES as most of us are retired/aged/hapless law abiding Senior Citizens.

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