EPFO EDLI Scheme New Update : आज ईपीएफओ की केंद्रीय न्यासी बोर्ड CBT की बैठक हुई जिसमे EPFO की EDLI स्कीम के लाभों में वृद्धि की घोषणा श्रम मंत्री की ओर से की गई है जिसमे अब एक वर्ष से कम कार्य करने वाले पीएफ खाताधारकों व नौकरी छोड़ने के 6 महीने बाद तक भी पीएफ खाताधारकों को EDLI स्कीम के लाभ दिए जायेगे।
EPFO EDLI Scheme New Update
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी), की 237 वीं बैठक की अध्यक्षता की। जिसमे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सीबीटी ने 6.5 करोड़ पीएफ सदस्यों के खातों में ईपीएफ संचय पर 8.25% वार्षिक ब्याज दर जमा करने की सिफारिश की है।
वही कर्मचारी जमा से जुड़ी बीमा (ईडीएलआई) योजना के बीमांकिक मूल्यांकन के बाद, बोर्ड ने सदस्यों के परिवार को अधिक वित्तीय सुरक्षा और सहायता प्रदान करने के लिए योजना में प्रमुख संशोधनों को अनुमति दी। संशोधित योजना के अंतर्गत प्रमुख वृद्धि निम्नलिखित है –
- सेवा के एक वर्ष के भीतर मृत्यु होने पर न्यूनतम लाभ की शुरुआत : ईपीएफ सदस्य की मृत्यु एक वर्ष की निरंतर सेवा पूरी किए बिना होने पर न्यूनतम 50 हजार रुपये का जीवन बीमा लाभ प्रदान किया जाएगा। इस संशोधन से हर साल सेवा के दौरान होने वाली 5 हजार से अधिक मृत्यु के मामलों में अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है।
- गैर-योगदान अवधि के बाद सेवा में रहते हुए मृतक सदस्यों के लिए लाभ : पहले, ऐसे मामलों में ईडीएलआई लाभ से इनकार किया जाता था क्योंकि इन्हें सेवा से बाहर मृत्यु माना जाता था। अब, यदि किसी सदस्य का अपने अंतिम अंशदान प्राप्त करने के छह महीने के भीतर निधन होने पर ईडीएलआई लाभ स्वीकार्य होगा, बशर्ते सदस्य का नाम रोल से हटाया न गया हो। इस संशोधन से अनुमान है कि हर वर्ष ऐसी मृत्यु के चौदह हजार से अधिक मामलों में लाभ मिलेगा।
- सेवा निरंतरता पर विचार : पहले, दो प्रतिष्ठानों में रोजगार के बीच एक या दो दिन (जैसे सप्ताहांत या छुट्टियां) का अंतर होने पर न्यूनतम 2.5 लाख रुपये और अधिकतम 7 लाख रुपये के ईडीएलआई लाभ से इनकार कर दिया जाता था, क्योंकि एक वर्ष की निरंतर सेवा की शर्त पूरी नहीं होती थी। नए संशोधनों के तहत, रोजगार के दो दौरों के बीच दो महीने तक के अंतराल को अब निरंतर सेवा माना जाएगा। इससे अधिक मात्रा में ईडीएलआई लाभ के लिए पात्रता सुनिश्चित होगी। इस परिवर्तन से हर साल सेवा में मृत्यु के एक हजार से अधिक मामलों में लाभ मिलने की उम्मीद है।
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