PF Interest 2025 : पीएफ खाताधारकों के लिए पीएफ पर मिलने वाले ब्याज दर को लेकर आज EPFO CBT ने बड़ा फैसला लिया है और पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की तरह ही इस वित्त वर्ष 2024-25 में पीएफ की ब्याज दरों को बरकार रखते हुए 8.25% PF interest की सिफारिश की है।
PF Interest 2025 EPFO CBT 237th Meeting
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी), की 237 वीं बैठक की अध्यक्षता की। जिसमे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सीबीटी ने 6.5 करोड़ पीएफ सदस्यों के खातों में ईपीएफ संचय पर 8.25% वार्षिक ब्याज दर जमा करने की सिफारिश की है।
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कई अन्य निश्चित आय साधनों की तुलना में, अपेक्षाकृत अधिक और स्थिर लाभ प्रदान करता है, जिससे बचत में स्थिर वृद्धि सुनिश्चित होती है। ईपीएफ जमाराशि पर अर्जित ब्याज कर-मुक्त (एक निर्दिष्ट सीमा तक) है, जो इसे वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए एक अत्यधिक आकर्षक निवेश विकल्प बनाता है। यह ईपीएफओ के निवेशों की जमा धन साख और अपने सदस्यों को प्रतिस्पर्धी लाभ देने की इसकी क्षमता में मजबूत विश्वास को दर्शाता है।
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पीएफ पर ब्याज कब से मिलेंगा ?
वर्तमान वित्त वर्ष 2025 के लिए EPFO की CBT ने 8.25% PF Interest देने की सिफारिश की है अब केंद्र सरकार द्वारा ब्याज दर को आधिकारिक रूप से अधिसूचित करने के बाद यानि की वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ईपीएफओ ग्राहकों के खातों में ब्याज दर जमा करेगा।
यह पीएफ पर ब्याज पीएफ खाताधारकों के खाते में लगभग जून-जुलाई 2025 से आना प्रारम्भ हो सकता है।
जानिए कब कितना दिया ईपीएफओ ने ब्याज
आपको बता दें कि पीएफ के ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव हमेशा से देखा गया है। वर्ष 2018-19 में सदस्यों को 8.65%, 2019-20 में 8.5% और 2021-22 में 8.1% की दर से ब्याज दिया गया था, जो गिरावट को दिखाता है।
ईपीएफओ ने उच्चतम ब्याज दरें 2015-16 में 8.8% और 2013-14 और 2014-15 में 8.75% दी थीं, वहीं 2024-25 के लिए मौजूदा 8.25% दर है। जिसे अब आगे भी बरक़रार रखा है और वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भी ब्याज दर 8.25% हो सकती है।
कैसे तय होती है पीएफ की ब्याज दरें
बता दें कि ईपीएफओ की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज यानि CBT की बैठक में, राज्य सरकारें और श्रम मंत्रालय के अधिकारी ब्याज दरों को तय करते हैं। और इसे फ़ाइनल अप्रूवल के लिए वित्त मंत्रालय की मंजूरी लेनी पड़ती है। आमतौर पर यह संबंधित साल के दूसरी तिमाही में तय की जाती है। और फिर पीएफ खाताधारकों के खाते में पीएफ की ब्याज दर भेज दी जाती है।
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