बीते सोमवार को लोकसभा में AIMIM के नेता सांसद, असदुद्दीन ओवैसी ने पीएफ के अंतर्गत आने वाली एम्प्लोयी पेंशन स्कीम की न्यूनतम पेंशन जो अभी 1000 है वह ईपीएस 95 पेंशन कब बढ़ेगी, इसपर वित्तमंत्रालय से सवाल किया।
आपको बता दे की ईपीएस 95 योजना के तहत देश के लगभग 78 लाख बुजुर्ग आते है जीने अभी सरकार की ओर से न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये दी जाती है पिछले 8 वर्षो से पेंशनधारको की मांग है की इतनी कम पेंशन में गुजारा नहीं होता है अतः न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की जाये और पेंशनधारको को मेडिकल सुविधा भी दी जाये।
ईपीएस 95 पेंशन कब बढ़ेगी, ओवैसी ने उठाया सवाल ?
लोकसभा में बीते सोमवार को AIMIM के नेता सांसद, असदुद्दीन ओवैसी ने प्रश्न संख्या 2132 के तहत निम्न प्रश्न किये।
श्री असादुद्दीन ओवैसीः
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) क्या सरकार को कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस), 1995 के तहत पेंशनभोगियों से न्यूनतम पेंशन राशि में वृद्धि का अनुरोध करने संबंधी कोई अभ्यावेदन प्राप्त हुआ है:
(ख) क्या सरकार का ईपीएस, 1995 के तहत पेंशन बढ़ाने का कोई प्रस्ताव है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है:
(ग) क्या सरकार ने ईपीएस पेंशन बढ़ाने के लिए विशेष रूप से श्रम, वस्त्र और कौशल विकास संबंधी स्थायी समिति के 30वे प्रतिवेदन में की गई टिप्पणियों के आलोक में इन अभ्यावेदनों का कोई मूल्यांकन किया है और यदि हां, तो इसके निष्कर्ष क्या रहे हैं।
(घ) क्या सरकार ईपीएस, 1995 के तहल पेंशन में वृद्धि की सुविधा के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है; और
(ड़) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है?
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जिसपर वित्त मंत्रालय की ओर से वित्त राज्य मंत्री (श्री पंकज चौधरी) ने जवाब दिए की। ..
(क): श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सूचित किया है कि कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस), 1995 के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन की राशि में वृद्धि करने का अनुरोध करते हुए ट्रेड यूनियनों सहित विभिन्न हितधारकों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं।
(ख) एवं (ग): ईपीएस, 1995 एक “परिभाषित अंशदान-परिभाषित लाभ सामाजिक सुरक्षा योजना है। कर्मचारी पेंशन निधि का कॉर्पस (i) नियोक्ता द्वारा वेतन के 8.33 प्रतिशत की दर से अंशदान; लथा (ii) केंद्र सरकार द्वारा बजटीय सहायता के माध्यम से वेतन के 1.16 प्रतिशत की दर से प्रति माह 15,000/- रुपये तक की राशि के अंशदान से बनाया जाता है। इस योजना के तहत सभी लाभ ऐसे संचयन से प्रदान किए जाते हैं। ईपीएस, 1995 के पैराग्राफ 32 के अंतर्गत यथा अधिदेशित निधि का वार्षिक मूल्यांकन किया जाता है तथा 31.03.2019 तक निधि के मूल्यांकन के अनुसार, बीमांकिक घाटा हुआ है।
घ) एवं (ङ): सरकार ने वर्ष 2014 में पहली बार बजटीय सहायता प्रदान करके ईपीएस, 1995 के अंतर्गत पेंशनभोगियों को प्रतिमाह 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन प्रदान की, जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को ईपीएस के लिए प्रतिवर्ष प्रदान किए जाने वाले वेतन के 1.16 प्रतिशत की बजटीय सहायता के अतिरिक्त थी। पिछले पांच वर्षों के दौरान कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के अंतर्गत भारत सरकार के 1.16 प्रतिशत के सांविधिक अंशदान तथा प्रतिमाह 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन के लिए ईपीएफओ को जारी की गई धनराशि का विवरण इस प्रकार है:
निष्कर्ष : सरकार ने यह माना की ईपीएस 95 पेंशनवृद्धि के लिए उनके पास श्रमिक संगठनों ने गुजारिस की है, लेकिन वही पर यह साफ नहीं किया की सरकार के पास पेंशनवृद्धि की कोई योजना है या नहीं, अपितु उन्होंने 2019 के आकड़ो के अनुसार योजना में वित्तीय घाटा होने की बात कही है।
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हम सभी पेंशन धारकों ने ३०/४० सालों तक भारतीय बीकास में अपनी खून-पसीना बहाएं अपनी जवानी गंवायें (१२% + १२% + १.१६%) 8.33% ईपीएफओ एकाउंट में बूढ़ापा का सहारा जमा किया, २०१३ में मनमोहन सरकार कि पास की गई मिनिमम १०००/- रुपया मासिक मोदी सरकार सिर्फ घोषणा किए मगर वोट बैंक के लिए १५.०१.१४ बीजेपी सरकार आएगी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर कोश्यारी कमिटी कि सूपारीस लागूं करने का वादा किया, आठ-दस सालों से ईपिएस-95 पेंशनर्स वृद्धि का झूठे ग्रान्टी का वादा नेताओं मंत्रियों तथा प्रधानमंत्री भी करते हुए वृद्धजनों के साथ धोखेबाजी किया यह मोदी सरकार ईपीएफओ एक सरकारी संस्था होते हुए भी प्रधानमंत्री वित्तमंत्री श्रममंत्री एक चिटफंड कंपनी बनाकर ईपीएफओ मेम्बर्स के रुपया पैसा लूट कर अदानी अम्बानी ग्रूप को ऋण मुक्ति किया।