UPS Pension NEWS
  • यूपीएस का देशव्यापी विरोध करेंगे शिक्षक और कर्मचारी
  • नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की ऑनलाइन बैठक में बनी आंदोलन की रणनीति

लखनऊ। प्रदेश के शिक्षक कर्मचारी संगठनों ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का विरोध किया है। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) की बुधवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ऑनलाइन बैठक में देशव्यापी संघर्ष के लिए कार्यक्रम तय किए गए।

NMOPS के विजय कुमार बंधू ने बताया UPS को छलावा

एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि एनपीएस की तरह यूपीएस भी कर्मचारियों के साथ छलावा है। इससे कर्मचारियों में गुस्सा है। बैठक में सभी ने कहा कि हमें हूबहू ओपीएस चाहिए, न उससे कम न उससे ज्यादा। हमारा संघर्ष पुरानी पेंशन की बहाली तक जारी रहेगा।

राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञा ने कहा कि आंदोलन के क्रम में हम 29 अगस्त को एक्स पर नो एनपीएस, नो यूपीएस, ओनली ओपीएस का अभियान चलाया गया। इस क्रम में 02 से 06 सितंबर तक देश भर में शिक्षक- कर्मचारी काली पट्टी बांधकर शिक्षण व कार्यालय का काम करेंगे। 15 सितंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में होगी।

डॉ. नीरज पति त्रिपाठी ने बताया कि 26 सितंबर को शिक्षक-कर्मचारी जिला मुख्यालयों पर एनपीएस-यूपीएस के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद भी सरकार ओपीएस बहाल नहीं करती तो अक्तूबर में दिल्ली में राष्ट्रीय अधिवेशन और नवंबर-दिसंबर में संसद के घेराव की रणनीति बनाई जाएगी।

UPS Pension NEWS यूपीएस पर श्रमिक संघठनो की नाराजगी

उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग, मिनिस्टीरियल एसोसिएशन की जवाहर भवन में हुई बैठक में पदाधिकारियों सहित प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्यों ने यूपीएस को नकार दिया। इसमें तय किया गया कि अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के नेतृत्व में पुरानी पेंशन लागू करने के आंदोलन को और अधिक मजबूत किया जाएगा।

बैठक में एसोसिएशन के सरंक्षक पुनीत त्रिपाठी, सहसंरक्षक कमल अग्रवाल, अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमलेश मिश्रा, उत्तर प्रदेश फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज एसोसिएशन के संरक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह मौजूद रहे।

राज्यों में यूपीएस पेंशन लागु करने की तैयारी

भारत सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मियों के लिए घोषित यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को उत्तर प्रदेश के कार्मिकों के लिए भी लागू किए जाने पर मंथन तेज हो गया है। यूपीएस का प्रस्ताव तैयार करने और इससे सरकार पर पड़ने वाले अतिरिक्त वित्तीय भार तथा अन्य आंकड़ों पर शुक्रवार को देर शाम तक वित्त विभाग के अधिकारी मंथन में जुटे रहे। बताया जा रहा है कि क्लास टू और इससे ऊपर के आफिसर जिनकी सेवा अवधि 15 से 20 साल हो चुकी है, वह यूपीएस में नहीं जाएंगे।

सचिवालय में तैनात एक अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों के लिए यूपीएस नुकसानदायक है। जिनको यूपी सरकार की सेवा में काम करते हुए 15 से 20 साल तक हो चुके हैं, एनपीएस में रहते हुए उनके फंड में कम से कम 50 लाख रुपये जमा हो चुके होंगे। यदि ये अधिकारी यूपीएस का विकल्प चुनते हैं तो यह फंड शून्य हो जाएगा, जो बड़ा नुकसान है।

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