जंतर मंतर पर ईपीएस 95 पेंशनर्स का जोरदार प्रदर्शन, सांसदों ने भी लिया भाग।

Strong demonstration at Jantar Mantar for EPS 95 pension hike – ईपीएस 95 पेंशनर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला आये पूरा महीना बीत चूका है। अभी तक सरकार या ईपीएफओ की ओर से कोई भी नोटिफिकेशन, जॉइंट फॉर्म जारी नहीं किया गया है। वही सुप्रीम कोर्ट की ओर से पेंशनर्स को दिया गया समय निकलता जा रहा है। ऐसे में EPS 1995 Pensioners Coordination committee के बैनर तले जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया।

EPS 95 pension News | सांसद एन के प्रेमचंद्रन और इलमराम करीम ने लिया हिस्सा।

पेंशन धारको की मांगो को लोकसभा और राजयसभा में उठाने के लिए ईपीएस 95 पेंशनर्स ने सांसद एन के प्रेमचंद्रन और इलमराम करीम स्वागत और धन्यवाद किया। आंदोलन स्थल पर पहुंच कर सांसदों ने आभार स्वीकारा और आगे भी पेंशनर्स का साथ देने के लिए आश्वाशन दिया।

ईपीएस 95 पेंशनर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी के नेशनल सेक्रेटरी भीमराव डोंगरे ने बताया की ईपीएस 95 पेंशनर्स कम पेंशन मिलने से बहुत परेशान है। जेल में रहने वाले कैदी के लिए सरकार प्रतिदिन न्यूनतम 126/- रूपये खर्च करती है। वही वर्षो से अपना हिस्सा जमा करने वाले पेंशनर्स को न्यूनतम 16 /- रुपये प्रति माह तक ही मिल रहा है।

आगे मिडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा की पंत प्रधान नरेंद्र मोदी जी ने लाल किले से घोषणा की थी की हम बिना मांगे ईपीएस 95 पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन को 1000/- रूपये कर रहे है। लेकिन आज भी लगभग 28 लाख पेंशनर्स ऐसे है जिन्हे की न्यूनतम पेंशन 1000/- रूपये से कम मिल रही है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने कहा की, सुप्रीम कोर्ट के दोनों फैसले 2016 और 2022 पेंशनर्स के पक्ष में आये है लेकिन उन्हें अभी तक लागु नहीं किया गया है। ईपीएस 95 पेंशनर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला आये पूरा महीना बीत चूका है। अभी तक सरकार या ईपीएफओ की ओर से कोई भी नोटिफिकेशन, जॉइंट फॉर्म जारी नहीं किया गया है। वही सुप्रीम कोर्ट की ओर से पेंशनर्स को दिया गया समय निकलता जा रहा है।

प्रदर्शन कर सरकार से ईपीएस 95 पेंशनर्स ने ईपीएस 95 पेंशन में कोश्यारी समिति (2013) की सिफारिस के मुताबित न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी (EPS 95 pension hike) 9000/- रूपये करने, उसे मंहगाई भत्ते से जोड़ने और सभी पेंशनर्स को मुफ्त मेडिकल सुविधा की मांग की। इस आंदोलन में सैकड़ो पेंशनर्स, कई श्रमिक संघठन और सांसदों ने भी भाग लिया।

यह भी पढ़े –

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *