लाभ से वंचित ईपीएस 95 पेंशनर्स के लिए NAC लड़ेंगी लड़ाई – अशोक राउत
ईपीएस 95 पेंशनर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से 4 नवम्बर 2022 को अंतिम फैसला आ गया, लेकिन इस फैसले से कुछ गिने चुने ईपीएस 95 पेंशनर्स को लाभ मिलने की उम्मीद है। ऐसे में एक जुम मीटिंग में NAC के राष्ट्रिय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने लाभ से वंचित ईपीएस 95 पेंशनर्स के लिए लड़ाई लड़ने की बात कही है।
बीते दिनों 4 नवम्बर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एम्प्लोयी पेंशन स्कीम में 2014 के संसोधनो को सही माना वही पेंशनधारको को अपनी उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिए 4 महीने का एक और मौका दिया है। ऐसे में जानकारों का मानना है की कुछ ही पेंशनर्स इसका लाभ ले पाएंगे।
ईपीएस 95 हायर पेंशन में क्या थी रूकावट।
जब कोई कर्मचारी किसी प्राइवेट सेक्टर में कार्य करता है तो उसके वेतन (बेसिक + डीए) का 12% हिस्सा पीएफ में जमा होता है। इतना ही योगदान नियोक्ता की ओर से भी किया जाता है। जिसमे से 8.33% हिस्सा एम्प्लोयी पेंशन स्कीम EPS में जमा होता है। जिसके हिसाब से कर्मचारियों की रिटायरमेंट के समय पेंशन बनती है।
एम्प्लोयी पेंशन स्कीम 1995 में पहले बदलाव के साथ पेंशन योग्य वेतन 6500 रुपये तय की गई थी। और इसके ऊपर वेतन पाने वाले कर्मचारी अपनी उच्च पेंशन (अधिक पेंशन) के लिए नियोक्ता से एक सहमति बना कर अपने पुरे वेतन के 833% के अनुपात में योगदान कर अधिक पेंशन प्राप्त कर पाते थे।
लेकिन 2014 में फिर से एक संसोधन लाया गया जिसमे पेंशन योग्य वेतन 15000 रुपये की गई लेकिन साथ ही उच्च पेंशन का विकल्प नहीं दिया गया। जिसके बाद अन्य समस्याओ सहित यह मामला भी केरला हाईकोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट, राजिस्थान हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पंहुचा। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने अब अपना अंतिम फैसला सुनाया।
क्या है ईपीएस 95 पेंशनर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला।
ईपीएस 95 पेंशनर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में जिन पेंशनधारको ने उच्च पेंशन का विकल्प नहीं चुना था उन्हें एक और मौका देने की बात कही है। और अपने नियोक्ता से सहमति पत्र बनाकर 4 महीने की भीतर यानि 4 मार्च 2023 तक अधिक पेंशन का लाभ के लिए विकल्प चुनने की बात कही है।
साथ ही अन्य मामलो में कोर्ट ने 2014 के संशोधनों में उन शर्त को निरस्त कर दिया जिसमें कर्मचारी के लिए 15,000 रुपए प्रति माह से अधिक के वेतन का 1.16% योगदान अनिवार्य किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएस अच्छा पेंशन का फायदा उठाने वाले ईपीएफओ मेंबर्स को अपनी पेंशनएबल सेलरी की जगह अपनी वास्तविक सैलरी का 8.33 फीसदी तक कंट्रिब्यूशन का विकल्प चुनने (हायर पेंशन) के लिए चार महीने का समय दिया है। सर्वोच्च न्यायाल ने केरल, राजस्थान और दिल्ली हाई कोर्ट्स के आदेशों में संशोधन किया है। कोर्ट ने कहा की वे कर्मचारी जो अंतिम तारीख तक स्कीम में शामिल नहीं हो सके हैं उन्हें इसके लिए अतिरिक्त मौका दिया जाना चाहिए।
लाभ से वंचित ईपीएस 95 पेंशनर्स के लिए NAC लड़ेंगी लड़ाई
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ईपीएस 95 पेंशनर्स की जमीनी स्तर पर न्यूनतम पेंशन 7500+da समेत चारसूत्रीय मांगो के लिए लड़ाई लड़ रही राष्ट्रिय संघर्ष समिति NAC ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक ज़ूम मीटिंग का आयोजन किया जिसमे कमांडर अशोक राउत ने कहा की लाभ से वंचित ईपीएस 95 पेंशनर्स के लिए और न्यूनतम पेंशन के लिए NAC लड़ाई लड़ेंगी।
जो पेंशनधारक उच्च पेंशन का विकल्प चुनने में सक्षम नहीं है और जिन्हे उच्च पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है उन्हें न्यूनतम पेंशन बढ़कर जरूर मिलना चाहिए। और इसके लिए NAC लड़ाई लड़ेंगी।
यह भी पढ़े –
- सुप्रीम कोर्ट से कर्मचारियों को राहत, 4 महीने में चुने हायर पेंशन का विकल्प !
- ईपीएस 95 ताजा खबर : ईपीएस 95 पेंशन संसोधन 2014 क़ानूनी – सुप्रीम कोर्ट
Related Posts
![eps 95 minimum pension latest news 2022](https://employeekhabar.com/wp-content/uploads/2022/01/151-min-210x150.jpg)
ईपीएफओ CBT की मीटिंग गुवाहाटी में, EPS 95 Pension वृद्धि के लिए, मौन प्रदर्शन।
![Demands of EPS 95 pension holders](https://employeekhabar.com/wp-content/uploads/2023/12/eps-95-employee-khabar-copy-min-210x150.jpg)
श्रम मंत्री ने मांगे नहीं मानी, तो ईपीएस 95 पेंशन धारक आंदोलन के लिए तैयार
![How to submit digital life certificate online in mobile app](https://employeekhabar.com/wp-content/uploads/2022/08/59-copy-min-210x150.jpg)