Types Of EPF Pension ईपीएस के तहत मिलती है 7 प्रकार की पेंशन

दोस्तों यदि आप पीएफ के सदस्य है। आपका भी EPFO में पैसा जमा हो रहा है तो आपको यह भी पता होना चाहिए की आपको, आपके पीएफ में जमा पैसे पर पेंशन भी मिलती है और यह पेंशन अलग अलग प्रकार से आपको लाभ पहुँचती है। आज की इस पोस्ट में यह जानेंगे की पीएफ से मिलने वाली पेंशन क्या होती है और पीएफ पेंशन कितने प्रकारो (Types Of EPF Pension) की होती है।

आपको बता दे की पीएफ में 6 करोड़ से भी अधिक पीएफ सदस्य है जिन्हे यह पीएफ पेंशन लाभ मिलेंगा और 70 लाख के करीब ईपीएस 95 पेंशनर्स है जिन्हे अभी यह लाभ मिल रहे है। तो आइये जानते है की ईपीएफ पेंशन क्या होती है। और पीएफ पेंशन कितने प्रकार की होती है।

What Is EPF Pension पीएफ पेंशन क्या है ?

किसी ऐसे संस्था, कंपनी जंहा 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्य करते है वहाँ के सभी सदस्यों का पीएफ खाता होना जरुरी होता है जिन लोगो का पीएफ में खाता होता है उनके वेतन यानि की बेसिक+महंगाई भत्ता का 12% हिस्सा पीएफ में जमा होता है यहाँ वेतन सिमा अधिकतम 15000 ही मानी जाती है।

इतना ही 12% हिस्सा आपके नियोक्ता यानि की कार्यरत संस्था की ओर से आपके पीएफ खाते में जमा किया जाता है जिसका 3.67% हिस्सा आपके पीएफ में और 8.33% हिस्सा ईपीएफ की ईपीएस (EPS) यानि की एम्प्लॉई पेंशन स्कीम में जमा होता है जिसे EPF पेंशन भी कहा जाता है।

EPF Pension Eligibility कब मिलती है पीएफ पेंशन ?

पीएफ सदस्य को ईपीएस पेंशन का लाभ लेने के लिए कम से कम 9.5 वर्ष (लगभग 10 वर्ष) किसी पीएफ में अपना अंशदान देना होता है तब वह ईपीएफ पेंशन का लाभार्थी बनता है और सदस्य की उम्र 58 वर्ष की होने पर उसे पेंशन लाभ दिया जाता है। लेकिन यह पेंशन अलग अलग तरह की होती है जिनके लिए भी कुछ अलग अलग नियम है तो आइये जानते है ईपीएफ पेंशन कितने प्रकार की होती है (Types Of EPF Pension) और किस प्रकार की पेंशन लाभ के लिए क्या नियम और शर्ते है।

Types Of EPF Pension ईपीएफ पेंशन के प्रकार ?

1. वृद्धा पेंशन (मुख्य पेंशन)

पीएफ की मुख्य पेंशन वृद्धा पेंशन ही होती है इसका लाभ लेने के लिए कर्मचारियों को पीएफ में कम से कम 10 वर्ष तक योगदान देना होता जिसके बाद वह पीएफ में ईपीएस पेंशन (eps pension) का हक़दार बन जाता है। और कर्मचारी की उम्र 58 वर्ष की हो जाती है। तब वह इस पेंशन का लाभ ले पाता है। यदि कर्मचारी चाहे तो इस पेंशन को 58 वर्ष की उम्र के बाद या पहले भी शुरू करवा सकता है।

2. पूर्व पेंशन

यदि कर्मचारी अपनी नौकरी छोड़ने पर 50 वर्ष की उम्र से ही पेंशन लेना चाहे तो वह घटी हुई पेंशन यानि की पूर्व पेंशन का लाभ ले सकते है या 58 वर्ष की उम्र तक प्रतीक्षा कर पूर्ण पेंशन यानि वृद्धा पेंशन का लाभ ले सकते है।

पूर्व पेंशन लेने पर 58 वर्ष की उम्र को जितने वर्ष कम होंगे, प्रत्येक वर्ष 4% की दर से पेंशन घट कर मिलती है। जिसका खामियाजा पेंशनर्स को भुगतना पड़ता है क्योकि प्रति वर्ष 4% की कमी से पेंशन मिलती है।

3. विकलांगता पेंशन

यदि पीएफ खाताधारक पूर्ण एवं स्थाई विकलांगता के कारण नौकरी छोड़ देता है तो उसे इस पेंशन का लाभ मिलता है इस पेंशन के लिए किसी न्यूनतम सदस्यता अवधि की आवश्यकता नहीं है। केवल एक माह के अंशदान पर भी कर्मचारी की विकलांगता पर उसे इस पेंशन का लाभ दिया जा सकता है।

4. विधवा एवं बाल पेंशन

यदि सदस्य की नौकरी में रहते हुए किसी कारण से मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी और 25 वर्ष से कम आयु तक के 2 बच्चो को विधवा एवं बाल पेंशन का लाभ दिया जाता है। यदि सदस्य के 2 से अधिक बच्चे है तो पहले 2 बच्चो को पेंशन दी जाती है। बड़े बच्चे की उम्र 25 से अधिक होने पर उसकी पेंशन बंद होकर उससे छोटे 2 बच्चो को पेंशन मिलना शुरू हो जायेंगा। और यदि कोई बच्चा पूर्णतः विकलांग है तो उसे पुरे जीवन भर पेंशन दी जाती है। इस पेंशन लाभ के लिए पीएफ सदस्य का केवल एक माह ही अंशदान काफी है।

5. अनाथ पेंशन

पीएफ सदस्य की मृत्यु के बाद यदि पत्नी की भी मृत्यु हो जाये और बच्चे अनाथ हो तब इस पेंशन का लाभ दिया जाता है यह पेंशन भी 25 वर्ष से कम आयु तक के 2 बच्चो को जाती है। यदि सदस्य के 2 से अधिक बच्चे है तो पहले 2 बच्चो को पेंशन दी जाती है। बड़े बच्चे की उम्र 25 से अधिक होने पर उसकी पेंशन बंद होकर उससे छोटे 2 बच्चो को पेंशन मिलना शुरू हो जाता है।

6. नामांकित पेंशन

यह पेंशन पीएफ मेंबर द्वारा ई-नामांकन के दौरान नामित व्यक्ति को, पीएफ सदस्य की मृत्यु के पश्चात् मिलती है। लेकिन इस पेंशन में किसी व्यक्ति का नाम तभी अंकित किया जा सकता है जब पीएफ सदस्य के परिवार में कोई जीवित नहीं है अर्थात पति या पत्नी और बच्चे।

7. आश्रित पेंशन

यदि कोई पीएफ सदस्य अविवाहित है और उसने अपनी पेंशन के लिए किसी को नामांकित नहीं किया है और सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो उसपर आश्रित पिता को पेंशन देय होती है पिता जीवित न हो ऐसे में माता को पेंशन दी जाती है।

ईपीएस पेंशन प्राप्ति के लिए कौन सा फॉर्म भरा जाता है ?

ईपीएस पेंशन का पैसा निकालने के लिए आपको फॉर्म 10 डी भरकर आप अपनी पेंशन प्राप्त कर सकते है। यदि आपकी नौकरी 10 से कम की है और आपने नौकरी छोड़ दी है तब आप ईपीएस पेंशन का पैसा निकलना चाहे तो आपको PF फॉर्म 10 सी भरने की जरूरत होती है।

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