1 मई से EPF Office दिल्ली के सामने, ईपीएफ पेंशन भोगियों का धरना प्रदर्शन।

“संयुक्त भारत पक्ष” के बैनर तले 1 मई से EPF Office दिल्ली के सामने, ईपीएफ पेंशन भोगियों का विशाल धरना प्रदर्शन होने जा रहा है। सयुक्त भारत पक्ष के, अशोक बहादरे ने ईपीएफ पेंशनर्स (EPF pensioners) के नाम एक वीडियो सन्देश जारी करते हुए बताया है की –

कामगार क्षेत्र में कई संगठन है, ईपीएस-95 समस्या को हल करने के हेतु बने कुछ नए संगठन भी है। सबने अपने अपने तरिको से कोशिशें की… लेकिन परिणाम नही निकले। शायद अकेले लड़ने से मिलकर लड़ने का परिणाम सकारात्मक निकल आये। इसलिए यदि हम एक होकर लड़ाई  लड़ते है। तो शतप्रतिशत न्याय मिलेगा।

मैं सभी संगठन, संगठनाओ के नेताओं को जाहिर आमंत्रित करता हूं। आईये एक प्लेटफार्म पे आकर, मिलकर लड़ते है। ईपीएस 95 वालो को न्याय दिलाते है। यदि ईपीएस वालो को न्याय दिलाना ये एकमेव उद्देश्य है तो आपसी मतभेद मिटाकर, श्रेय किसे मिलेगा ? इस बातको नजरअंदाज करना होगा। एक होना होगा। उम्मीद करता हूं सब इस आंदोलन से जुड़ेंगे।

वर्तमान पेंशन से संतुष्ट नहीं है EPF pensioners

ईपीएस 1995 में पेंशन अंतर्गत आनेवाले सभी पेंशनर्स असंतुष्ट है। इन्हें 300 से लेकर 2500 तक पेन्शन मिल रही है। जब की राज्य और केंद्र सरकार के अधीन काम करनेवालों को कई गुना ज्यादा पेंशन मिल रही है।

  • निजिक्षेत्र में काम करनेवाले किस कर्मचारी के कितने पैसे सरकार के पास जमा है ?
  • ये निवृति वेतन किस आधार पर तय किया गया है ?
  • वो इतना कम क्यो है ?
  • इतनी कम पेन्शन में घर खर्च कैसे चलाये ?
  • बुढ़ापे की बीमारियों का खर्च कैसे  करे ?
  • बच्चों की पढ़ाई कैसी करे?
  • बच्चों की शादियां कैसे करे ?
  • घर कैसे खरीदे ?

सभी लोग चिंतित है। किसी को कुछ पता नही। बच्चों के आगे हाथ फैलाना पड रहे है। करीब-करीब 3 लाख लोगों का स्वर्गवास हो चुका है। आये दिन मृत्यु का दर बढ़ रहा है। बचे हुये लोग हर दिन मृत्यु के करीब जा रहे है और पेंशन में बढ़ोतरी की गुँजाइश दूर जा रही है। अभी जिंदा हो तो पैसा नहीं, मौत के बाद पेंशन बढ़ेगी तो उसका क्या करोगे ?

स्थानिक ईपीएफओ कार्यालय में कोई पेंशनकारी पूछताछ के लिए जाये तो उसका समाधान नही किया जाता। शायद इन्हें लगता हो कि आप लोग बूढ़े हो चुके है। जो चलने फिरने के लायक नही है वो इस व्यवस्था का क्या बिगड़ सकता है? जा-जा कर कहा जाएंगे? न्यायव्यवस्था में ? उससे क्या होगा ? किसी को कोई डर नही रहा है। और ये सच भी है। क्या कर सकते हो आप लोग ?

कुछ EPF Pensioners ने न्यायव्यवस्था का दरवाजा खटखटाया। सालो बाद सन्मानजनक फैसला भी आया। लेकिन सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर कर दीं। इसका मतलब और इरादा स्पष्ट है। सरकार पेंशन देना नही चाहती। कर्मचारियों के खून पसीने की कमाई और उसके ब्याज का सरकार उपयोग कर रही है। ये सिर्फ अभी के सरकार का रवैया नही है। इसकी बीजे कांग्रेस ने बोई थी। मौजूदा सरकार भी इस मुद्दे को लम्बा खिंचना चाहती है। सब पेंशनकारी (EPF pensioners) खत्म हो जाएंगे। फिर कौन लड़ेगा ? ये मुद्दा ही खत्म हो जाएगा।

भोपाल दुघर्टना याद है? 1984 में घटना हुई थी। 15000 लोग मारे गए थे 7 लाख गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे। इस घटना के लिए जो व्यक्ति जिम्मेदार था उसकी भी नैसर्गिक मृत्यु हो चूंकि है। 37 साल बीत गए लेकिन केस अभी भी चल रहा है। हम न्याय व्यवस्था से उम्मीद कर रहे है। लेकिन ऐसा मजाक ईपीएस वालो के साथ भी हो रहा है। तारीख पे तारीख, सीबीटी मीटिंग, प्रधानमंत्री का आश्वासन, यु ट्यूब की फेक वीडियो है, नेताओं का गुमराह करना और आपकी उम्मीदों के साथ हर दिन नया मजाक यही हो रहा।

आप उस सरकार पर भरोसा कर रहे हो जिसने पेंशन में बढोतरी के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है। बहोत विरोधाभास है। एक तरफ प्रधानमंत्रीजी आश्वासित करते है और दूसरी तरफ न्याय व्यवस्था का निर्णय अमान्य करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से पुनर्विचार याचिका दायर की जाती है। स्पष्ट है, सरकार पेंशन में बढोतरी देना नही चाहती। आप सभी जब तक मर नही जाते तब तक सरकार बिचौलियों के माध्यम से, न्यायव्यवस्था के माध्यम से समय निकालना चाहती है।

भूतकाल तथा वर्तमान स्थिति और वास्तविता को देखते हुए, मुझे विश्वास हो गया है की, ये सरकार आंदोलन बगैर कुछ नही देगी। ये मुद्दा ईपीएफओ और हमारे बीच का है। तो आंदोलन ईपीएफओ के ख़िलाफ़ हो, सीधे तौर पर हो। आखरी आंदोलन हो…दिल्ली में हो। ईपीएफओ केंद्र सरकार के अधीन है। हमारा दर्द केंद्र सरकार तक पहुचाना ईपीएफओ का दायित्व है।

हम संयुक्त भारत पक्ष के माध्यम से इस आंदोलन का प्रतिनिधित्व करना चाहते है। बदले में हमे आपसे ना चंदा चाहिए, ना वोट चाहिए, ना आपको हमारे पार्टी में शामिल होना है। ये लड़ाई सत्य के लिए है। असत्य के विरोध में है। हम इसे जरूर लड़ेंगे। आपका साथ चाहिए बस। कुछ लोग स्वार्थ के हेतु आपको रोकेंगे। आपको गुमराह करेंगे। उन्हें पहचानना होगा।

अब आपको सिर्फ पेंशन की जरूरत है। जीने के लिए झूठे वादे, सिर्फ उम्मीद काफी नही है। कितना, किसपर और कबतक भरोसा करोगे? आपको सोचना है। आपका हित-अहित ख़ुद समझना होगा। दिल की आवाज सुननी है। पेंशन हमारा हक है, हमारे खून-पसीने का पैसा है। हम यूँही नही छोड़ेंगे। पेंशन हमारे जीने का सहारा है। हम उसे पाकर ही रहेंगे।

कोई भी आंदोलन जनशक्ति के बिना सफल नही होता। इसलिए लांखो की संख्यामें उपस्थित रहना होगा। लड़ने वालों को लड़ने दो, फायदा हुआ तो सभी का होगा ऐसा सोचकर सभी घर में रहोगे तो लड़ेगा कौन ? हम पार्टी के लोग काफी नही है। लाखों की संख्या होगी तो ही आंदोलन सफल होगा।

लेकिन, ऐसे EPF pensioners जिनकी शारीरिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति ठीक है, तो ही आप आंदोलन में हिस्सा लेने की सोचे, वर्ना घरपर रहे-सुरक्षित रहे। केवल सभी तरह से सक्षम लोग ही आंदोलन में हिस्सा ले। क्योंकि आनेजाने का खर्च, दिल्ली में आंदोलन काल मे होनेवाला (खाने की व्यवस्था गुरुद्वारा हो रही है) खर्च, डॉक्टर,मेडिसिन, अस्पताल का खर्च खुद को उठाना है। दिल्ली में ठंड, धूप, गर्मी हो सकती है। हमे रास्तेपर/मैदान में सोना होगा। किसी भी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति जो इस प्रतिकूल स्थिति से सामना नही कर सकता वे ना आये। आंदोलन के दरमियां पुलिस द्वारा अत्याचार, पुलिस केस, कोर्ट-कचेरी,तथा किसी कारणवश मौत आती है तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं आपकी होगी। इन सबके लिए संयुक्त भारत पक्ष या पक्ष के नेता जिम्मेदार नही होगे। इस बात का भी ध्यान रहे।

हम आंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस के अवसर पर निम्नलिखित मांग करते है :-

  1. न्यूनतम 10,000 मासिक पेंशन + महंगाई भत्ता
  2. मेडिकल सुविधा
  3. जिसने पूरे वेतन पे पैसा भरा है उन्हें हायर पेंशन।
  4. 100 प्रतिशत इंड्रस्टीअल वर्कर्स को मेंबर्स बनाया, जाये और भविष्य में उन्हें भी पेंशन मिले।
  5. सबको प्रधानमंत्री आयुष्यमान भारत योजना  का लाभ मिले।

समय, तारीख और स्थल पर अमर्यादित ( मांगे पूरी नही होती तब तक) समय के लिए अपने हक और स्वाभिमान के लिए शांततापूर्ण आंदोलन का ऐलान करते हुए आप सभी को आंदोलन में हिस्सा लेने के निमंत्रित करते है।

                            -:आंदोलन:-स्थल:

भविष्य निधी भवन, भीकाजी कामा पैलेस, रामा क्रिष्णा पुरम, नई दिल्ली पिन 110066
तारीख:- 01 मई 2022 से…
समय:  सुबह 11 बजेसे…

हम आपका इंतजार कर रहे है।
धन्यवाद!

विनीत,
अशोक बहादरे, ओंकार सुब्रमनियन अय्यर, सम्भाजीराव जाधव, इमरान खान, विनोद सालवे, एवं सभी पदाधिकारी

“संयुक्त भारत पक्ष”

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