लोकसभा : ईपीएस 95 पेंशन (EPF Pension) पर, श्रम मंत्रालय से आया जवाब

EPF Pension News 2022 : लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान श्रम और रोजगार राज्य मंत्री की ओर से ईपीएस 95 पेंशन से सम्बंधित चार प्रमुख सवालो के जवाब दिए गए है। जिसमे न्यूनतम पेंशन, हायर पेंशन, सुप्रीम कोर्ट के भी मामले शामिल है। दिनांक 18 जुलाई 2022, सोमवार को आंतरिक प्रश्न संख्या 207 के तहत किये गए सवाल और जवाब कुछ इस तरह के है।

EPF Pension News 2022 : ईपीएस 95 पेंशन (EPF Pension) पर, श्रम मंत्रालय से आया जवाब

(क) क्या यह सच है कि भविष्य निधि के आरम्भ से अबतक अधिकतम 30 लाख पात्र व्यक्तियों को 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन प्राप्त नहीं हुई है।

जवाब : नहीं।

(ख) क्या सरकार ने प्रत्येक दस साल में कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) – 95 की समीक्षा और संसोधन के लिए कदम उठाये है। और यदि हाँ तो, तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है। और नहीं तो इसके क्या कारण है।

जवाब : कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस), 1995 को कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान (ईपीएफ और एमपी) अधिनियम, 1952 की धारा 6 ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा तैयार किया गया है। ईपीएस , 1995 19.11.1995 को लागू हुआ। योजनाओं की समीक्षा और संशोधन एक सतत प्रक्रिया है। विशेषज्ञ समिति और उच्च अधिकार प्राप्त निगरानी समिति की सिफारिशों के साथ-साथ कर्मचारी पेंशन निधि के बीमांकिक मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए ईपीएस, 1995 के प्रावधानों की समय-समय पर समीक्षा की गई है। ईपीएस, 1995 में किए गए कुछ महत्वपूर्ण संशोधन इस प्रकार हैं:

  • माह 01.09.2014 से, वेतन सीमा में रु. 6500/- से बढ़ाकर रु.15000/- प्रति माह की गई।
  • पेंशन की गणना के लिए पूर्व-निर्धारित फॉर्मूले के अनुसार जहां कहीं भी पेंशन 1000 रुपये से कम हो रही थी, वहां अतिरिक्त बजटीय सहायता प्रदान करके 01.09.2014 से ईपीएस, 1995 के तहत पेंशनभोगियों को 1000 प्रति माह देने का उपबंध किया गया।
  • इस तरह के कम्यूटेशन की तारीख से पंद्रह साल पूरे होने के बाद सामान्य पेंशन की बहाली, उन सदस्यों के संबंध में जिन्होंने ईपीएस, 1995 के पूर्ववर्ती पैरा 12 ए के तहत 25.09.2008 को या उससे पहले पेंशन के कम्यूटेशन का लाभ उठाया था। अधिसूचना जी.एस.आर.132 (ई) दिनांक 20.02.2020।

(ग) क्या उच्चतम न्यायालय ने सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान न करने की जांच के लिए तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और

जवाब : भारत संघ और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने माननीय केरल उच्च न्यायालय के दिनांक 12.10.2018 के फैसले को चुनौती दी है, जिसने ईपीएस-95 में 2014 के संशोधनों को माननीय में खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 24.08.2021 द्वारा 2019 की विशेष अनुमति याचिका (सी) संख्या 8658 8659 और अन्य संबंधित मामलों में मामलों को कम से कम तीन न्यायाधीशों की पीठ को संदर्भित करने का निर्देश दिया। मामला अब विचाराधीन है।

(घ) क्या सरकार पीएफ पेंशन के व्यापक संशोधन पर काम कर रही है और यदि हां, तो निकट भविष्य में इसे लागू करने की योजना का ब्यौरा क्या है?

जवाब : सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 (2020 का 36) को 29.09.2020 को अधिसूचित किया गया था, जो ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 सहित 9 केंद्रीय श्रम कानूनों को शामिल करता है। नए कोड की धारा 15 में विभिन्न योजनाओं को तैयार करने की परिकल्पना की गई है। कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए पेंशन सहित। हालांकि, उक्त संहिता अभी तक लागू नहीं हुई है।

यह भी पढ़े :

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *