EPS 95 हायर पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट की ताज़ा खबर, जानिए पूरा मामला।

EPS 95 पेंशन धारको के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बावजूद भी, केंद्र सरकार और EPFO की ओर से दायर समीक्षा याचिका (Review petition) के कारण, EPF Pension धारको की हायर पेंशन (Higher Pension) का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में लंबित है। इस फैसले का लाखो पेंशनर्स पिछले 3 वर्षो से इंतजार कर रहे है।

लेकिन अब ईपीएस 95 पेंशनधारको का इंतजार जल्द ख़त्म होने वाला है – सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील में फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट कभी भी अपना अंतिम निर्णय सुना सकता है।

EPS 95 Higher Pension क्या है ?

वर्तमान में पीएफ खाताधारक अपने वेतन (बेसिक+डीए) का 12% हिस्सा, पीएफ में अंशदान करता है। और इतना ही उस कंपनी के नियोक्ता के द्वारा, यानि की 12% अंशदान किया जाता है। जिसका 8.33% हिस्सा EPS पेंशन में चला जाता है। जिसमे जमा पैसो के हिसाब से ही ईपीएस 95 पेंशनधारको को पेंशन मिलती है।

लेकिन यदि कोई कर्मचारी और नियोक्ता (दोनों की सहमति से) 12% से अधिक का अंशदान EPFO में करना चाहे तो वह कर सकते है। और फिर उन जमा पैसो के आधार पर उन्हें पेंशन मिलती है। वही वर्ष 2014 के बाद से अंशदान की लिमिट 15,000/- रुपये कर दी गई है। यदि यह लिमिट हट जाये तो कर्मचारी अपनी वेतन के आधार पर अंशदान कर सकता है और पेंशन प्राप्त कर सकता है। जिसे हायर पेंशन कहते है। जिसे वर्ष 2014 के बाद से बंद कर दिया गया है। जिसे पुनः शुरू करने सम्बन्धी मामला सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका (Review petition) के तौर पर पेंडिग है।

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EPS 95 Higher Pension Supreme Court सुप्रीम कोर्ट में ईपीएस 95 हायर पेंशन का मामला।

ईपीएस 95 पेंशनरधारको के पक्ष में फैसला सुनाते हुए केरला हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था की, यदि पेंशनर्स चाहे तो वह अपनी पूरी वेतन पर भी अंशदान कर सकता है। और कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी के हिसाब से ही पेंशन का भुगतान होना चाहिए। केरला हाईकोर्ट के इस फैसले को नहीं मानते हुए केंद्र सरकार और EPFO ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गया।

सुप्रीम कोर्ट ने भी 1 अप्रेल 2019 को केरला हाईकोर्ट के फैसले को बरकार रखा और कहा की कर्मचारियों को उनकी पूरी वेतन के आधार पर पेंशन दे। जिसके बाद कर्मचारियों की पेंशन में 100% तक की वृद्धि हो सकती थी। लेकिन केंद्र सरकार और EPFO ने फिर से सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर विचार करने के लिए समीक्षा याचिका (Review petition) दायर की, जिस पर कई बार तारीखों पर तारीखे बढ़ती जा रही है। लेकिन कोई अंतिम फैसला निकलकर नहीं आया है।

EPS 95 Supreme Court Next Date Of Hearing

02 अगस्त से लगातर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट अब ईपीएस 95 हायर पेंशन के मामले में अंतिम निर्णय पर पहुंच चूका है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील में फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब बिना किसी अगली तारीख के माननीय सुप्रीम कोर्ट कभी भी अपना अंतिम फैसला सुना सकता है।

सूत्रों की माने तो ईपीएस 95 पेंशनधारको के लिए एक अच्छी खबर यह है की, लगातर सुनवाई संपन्न होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने, EPFO की दलील, की यदि हायर पेंशन लागु की जाये तो इपीएफओ को 15 लाख करोड़ का खर्च बैठेंगा, इसे ख़ारिज कर दिया है। और इन चार दिनों की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह के देश भर के लगभग 67 मामलो पे सुनवाई की है। ताकि सभी पर एक साथ कार्यवाही की जा सके।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कितनी बढ़ जाएँगी पेंशन, जानिए पूरा कैलकुलेशन।

माननीय सुप्रीम कोर्ट का आदेश यदि लागु होता है तो, कर्मचारियों की पेंशन गई गुणा बढ़ जाएँगी आइये इसे समझते है –

अभी कैसे होता है कैलक्युलेशन – (पेंशन योग्य सैलरी x EPS खाते में जितने साल कंट्रीब्यूशन रहा+2 यदि 20 वर्ष से अधिक अंशदान किया है)/70 = मंथली पेंशन

अगर किसी की मंथली सैलरी (आखिरी 5 साल की सैलरी का औसत) 15 हजार रुपए है और नौकरी की अवध‍ि 30 साल है तो उसे

(15,000*30+2)/70 = 6,857 सिर्फ हर महीने 6,857 रुपए की ही पेंशन मिलेगी।

लिमिट हटी तो कितनी मिलेगी पेंशन?

अगर 15 हजार की लिमिट (EPS Upper limit) हटती है और आपकी सैलरी 30 हजार है तो आपको फॉर्मूले के हिसाब से जो पेंशन मिलेगी वो ये होगी।

(30,000X30+2)/70 = 13,714 रुपए

इस तरह से यदि देखा जाये तो कर्मचारी जब रिटायर्ड होता है उस समय उसकी जितनी वेतन होंगी, लगभग उसका आधा उसे प्रति महीने पेंशन के रूप में मिल सकता है।

ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन वृद्धि का मामला।

न्यूनतम पेंशन में वृद्धि का मामला, हायर पेंशन से अलग है। इस तरह का कोई मामला सुप्रीम कोर्ट में नहीं चल रहा है। हलाकि अधिक संख्या में ईपीएस 95 पेंशनर्स अपनी न्यूनतम पेंशन में वृद्धि के लिए संघर्ष कर रहे है। इस मामले को लेकर सांसद हेमा मालिनी की अगवाई में, NAC समिति के माध्यम से 2 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात कर चुके है। साथ की कई बार श्रम मंत्रायल, वित्त मंत्रालय और सदन में भी सांसदों/विधायकों के द्वारा इस मामले को उठाया गया है। परन्तु अभी तक को फैसला नहीं निकल कर आया है।

ईपीएस 95 पेंशनर्स की डिमांड न्यूनतम पेंशन को 1000/- से बढ़ाकर 7500/- करने साथ में मंहगाई भत्ता और मेडिकल सुविधा भी प्रदान करने की है। इस मामले को लेकर NAC समिति 8 अगस्त 2022 को रामलीला मैदान पर एक बड़ा आंदोलन भी किया है।

ईपीएस 95 पेंशन का क्या हुआ ?

यदि आपका सवाल यह है की, ईपीएस 95 पेंशन का क्या हुआ ? तो आपको अवगत कर दे ईपीएस 95 उच्च पेंशन (Higher Pension) का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। जिसपर सभी सुनवाई पूरी हो चुकी है, सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला अभी सुरक्षित रखा है। और न्यूनतम पेंशन के मामले के लिए पेंशनर्स संघर्ष कर रहे है। लेकिन कोई अंतिम निर्णय पेंशन वृद्धि को लेकर नहीं आया है।

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