राष्ट्रीय संघर्ष समिति चित्तौड़गढ़ के पेंशनरों कि 2 नवम्बर को नेहरू गार्डन में एक मीटिंग हुई. जिसमें आने वाले सभी चुनाव में ईपीएस 95 पेंशनर, परिवार सहित मतदान का बहिष्कार करेंगे, ऐसे शपथ लेते हुए पेंशनर एकता जिंदाबाद जिंदाबाद, जो पेंशनर्स का काम करेंगा वही देश में राज करेंगा के नारे भी लगाए।
साथ ही जिला निर्वचान आयोग चित्तौड़गढ़ को एक पत्र लिखकर ईपीएस 95 पेंशनर के चुनाव बहिष्कार की सूचना भी दी।
EPF 95 Pension latest news 2023 today in hindi
ईपीएस 95 पेंशनर ने सभा में और जिला निर्वचान आयोग चित्तौड़गढ़ को लिखे पत्र में कहा की, देश के 75 लाख औद्योगिक / सार्वजनिक / सहकारी/ निजी एवं मीडिया क्षेत्रों से रिटायर्ड कर्मचारी 75 लाख ई पी एस 95 पेंशनर्स, जिन्होंने अपनी सेवा काल में देश के नव निर्माण में अपना खून पसीना बहा कर देश को समृद्ध बनाया आज, वही पेंशनर्स अत्यंत कम पेंशन राशि मिलने के कारण अत्यंत दयनीय / मरणासन्न अवस्था में जीवन जी रहे हैं. परिवार व समाज में सम्मान भी खोते जा रहे हैं।
एक तरफ भारत सरकार सामाजिक सुरक्षा नीति के तहत लोककल्याण हेतु अनेकों पेंशन योजना सुचारू रूप से चला रही है लेकिन हमने पूरी सेवा के दौरान, सरकारी नियमानुसार रु. 417/-, रु.541/-, रु. 1250/- प्रति माह पेंशन फंड में जमा करवाए व इन वृद्ध पेंशनर्स को रु. 1171/- औसत पेंशन दी जाती हैं (रु. 400/- से 3000/-). यह राशि इतनी कम है कि इससे पति पत्नी का जीवन यापन तो दूर इस वृद्धावस्था में इस राशि से औषधि उपचार का खर्च भी पूरा नहीं होता। योजना अंतर्गत फॉर्मूला अनुसार जो यह अल्प पेन्शन राशि तय की जाती है, वहीं पेंशन आजीवन कायम रहती हैं।
हमारे संगठन राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने पीड़ित ई पी एस 95 पेंशनर्स की आवाज को सरकार तक पहुंचाकर हम पेंशनर्स की उचित मांगों को मंजूर करवाने हेतु देश भर में पिछले 7 वर्षों से तहसील स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर दिल्ली तक, विविध प्रकार के कई आंदोलन किए संगठन के मुख्यालय बुलढाना महाराष्ट्र में जिलाधिकारी कार्यालय पर दिनांक 24.12.2018 से निरंतर क्रमिक अनशन जारी है।
मा. श्रममंत्री जी के साथ एन ए सी के प्रतिनिधियों की कई बैठकें सम्पन्न हुई, देशभर में हमारे संगठन ने सभी मा. प्रधानमंत्री रक्षा मंत्री गृहमंत्री वित्त मंत्री लोकसभा अध्यक्ष श्रीमान ओम बिरला सीबीटी सदस्य भीलवाड़ा सांसद श्रीमान सुभाष बहेड़िया एवं मंदसौर सांसद श्रीमान सुधीर गुप्ता जी राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष एवं चित्तौड़गढ़ के सांसद श्रीमान सीपी जोशी साहब को कई बार ज्ञापन तथा देश के सभी सांसदों / मंत्रियों को ज्ञापन दिए।
सौभाग्य से दिनांक 04.03.2020 व दिनांक 05.08.2021 को मा. श्रीमती हेमा मालिनी जी की अगुवाई में मा. प्रधानमंत्री जी महोदय स्वयं आपके साथ हमारे संगठन के प्रतिनिधि मंडल की बैठक में वृद्ध पेंशनर्स के प्रति करुणा भाव दर्शाते हुए आपके द्वारा केवल आश्वासन ही नहीं मिला बल्कि संबंधित मंत्री महोदय जी को आदेश भी दिए गए लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है।
माननीय प्रधानमंत्री जी, द्वारा आश्वासन व दिशा निर्देश के बाद भी ई पी एफ ओ की नकारात्मक भूमिका के कारण अभी तक पेंशनर्स की मांगे मंजूर नहीं हुई हैं। ईपीएफओ के द्वारा बार बार कहा जाता है कि पेंशन फंड स्थिर नहीं है, पेंशन स्कीम वर्ष 2000 से घाटे में चल रही है.. इत्यादि।
लेकिन वास्तविकता यह है कि मिनिमम पेंशन रु.1000/- से बढ़ाकर रु.7500/- + डीए करने हेतु ईपीएफओ के पास पर्याप्त फंड है, यह संगठन की ओर से सिद्ध किया जा चुका है।
हम पेंशनर्स पिछले 7 वर्ष से संघर्ष कर रहे हैं व 65+ के हो चुके हैं। यदि हमारी औसत उम्र 70 वर्ष मानी जाए तो कम से कम 5 से 6 वर्ष तो शांति और सम्मान से जीवन व्यतीत कर सकेंगे।
ईपीएस 95 पेंशनर की प्रमुख मांगे निम्न हैं :-
- दो व्यक्तियों (पति पत्नी) को जीवन जीने लायक मिनिमम पेंशन रु. 7500/- + मंहगाई भत्ता की मंजूरी प्रदान की जाएं। यह राशि ईपीएफओ के पेंशन फंड से दी जा सकती है। या पेंशनरों द्वारा नौकरी के दौरान पेंशन फंड में जमा किया फंड ब्याज सहित निकालने की अनुमति प्रदान करावे जो वर्ष 2008 तक थी। उचित मांग कोश्यारी समिति (राज्यसभा पिटीशन 147) की सिफरिश के अनुसार ( रु.3000/- या अधिक तथा उस पर महगांई भत्ता ) 7 – 8 वर्षों में बढ़ी हुई महगांई को देखते हुए की गई हैं.
- माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 04.10.2016 व 04.11.2022 के निर्णय की सही व्याख्या करते हुए, वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के विकल्प की सुविधा बिना किसी भेद भाव के सभी पेंशनर्स को ( दि. 01.09.2014 के पहले व दि. 01.09.2014 के बाद के सेवा निवृत्त सदस्यों) प्रदान की जाएं, जिससे की सही अर्थों में सभी पेंशनर्स को न्याय मिल सके। साथ ही प्रार्थना है कि उच्च पेंशन प्राप्ती हेतु पेंशनर्स द्वारा जमा की जानेवाली राशि व पेंशनर्स को प्राप्त होनेवाली उच्च पेंशन के एरियर्स की राशि का बुक एडजेस्टमेंट किया जाए।
- सभी पेंशनर्स को तथा उनके पत्नी / पति को मुफ्त मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए।
सभी तरह से अनुकूल परिस्थितियाॅ होने के बावजूद देश भर के 75 लाख पेंशनरो की समस्याओं का समाधान नहीं होने से पेंशनरों में भारी आक्रोश है और जब तक हमारी समस्या का समाधान नहीं हो जाता तब तक मतदान में भाग नहीं लेने का शपथ पूर्वक निर्णय लिया है।
यह भी पढ़े :