मुफ्त चिकित्सा सुविधा के लिए डिप्टी सीएम से मिले, ईपीएस 95 पेंशनर

EPS 95 pensioners meet Deputy CM for free medical facilities : ईपीएस -95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को प्रांतीय महासचिव राजशेखर नागर के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से उनके आवास पर मिला। उन्हें ज्ञापन देते हुए पेंशनरो ने बताया की ईपीएस -95 पेंशनर को 1500 -2000 रुपये ही मासिक पेंशन मिलती है। इसके बाद भी न तो उन्हें आयुष्मान भारत योजना और न ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलेस चिकित्सा योजना का लाभ दिया जा रहा है।

ईपीएस 95 पेंशनर्स ने मांग की उनको भी, अन्य पेंशनरो की तरह ही कैशलेस चिकित्सा योजना से जोड़ा जाए। और पेंसनर्स समेत उनके परिवार को मुफ्त चिकित्सा सुविधा का लाभ दिया जाये।

श्रीमती पाठक जो स्वयं एक समाज सेविका भी हैं उन्होंने सारी जानकारी लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी को एनएससी की टीम के साथ उप मुख्यमंत्री से मिलवाया। श्री बृजेश पाठक ने महामंत्री श्री राजशेखर नागर से पूरी वस्तु स्थिति समझकर कहा कि यदि प्रदेश के स्तर पर यह सुविधा दी जा सकती है तो वह इस प्रकरण को मुख्यमंत्री के समक्ष ले जाएंगे।

श्रीमती नम्रता पाठक ने उन्हीं के सम्मुख कहा कि वह इसे एक सामाजिक कार्य के रूप में लेंगीं और कृत कार्रवाई से अवगत कराती रहेगी। उनके द्वारा एनएससी टीम के सदस्यों के फोन नंबर लेकर कहा गया कि वह आवश्यकता पड़ने पर शीघ्र ही आप लोगों से संपर्क करें भी करेगी ।

एनएससी की टीम ने सर्व श्री राजशेखर नागर प्रांतीय महामंत्री, राजीव भटनागर मुख्य समन्वयक ,पी के श्रीवास्तव संगठन मंत्री, दिलीप पांडे मीडिया प्रभारी, उमाकांत सिंह बिसेन उपाध्यक्ष मध्य जोन, रवि कुमार गुप्ता एवं समाजसेवी उमेश कुमार चांदना शामिल रहे।

आपको बता दे की ईपीएस 95 राष्ट्रिय संघर्ष समिति की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ईपीएस 95 की न्यूनतम पेंशन में 7500 तक वृद्धि उसे महंगाई भत्ते से जोडने और पेंशनर्स समेत परिवार को मुफ्त चिकित्सा सुविधा के लिए दो बार मुलाकात की जा चुकी है। लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय निकल कर नहीं आया है।

हाल ही में हुई NAC की CWC की बैठक में कुछ मत्वपूर्ण निर्णयों में पेंशन वृद्धि के लिए आगे EPFO कार्यालयों पर ताला ठोको आंदोलन, जेल भरो आंदोलन तक की घोषणाएं भी कर दी गई है। चुनावी माहौल को देखते हुए पेंशनर्स भी अपनी मानो को मंजूर करवाने के लिए पुरजोर लगा रहे है।

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