पीएफ पेंशन | सांसद चाहते हैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर तत्काल कार्रवाई !

PF Pension : लोकसभा में शीतकालीन सत्र शुरू हो चूका है। जिसमे कोडिक्कुनिल सुरेश और एनके प्रेमचंद्रन, सांसद ने ईपीएफओ पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करने का मुद्दा लोकसभा में उठाया है। कल लोकसभा में दोनों सांसदों ने मांग की, कि केंद्रीय श्रम मंत्रालय इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करे।

क्या है PF Pension पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला।

आपको बता दे की सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिनांक 04/11/2022 को ही पीएफ पेंशन (PF Pension) के खाताधारकों के लिए अपना फैसला सुना दिया है। फैसले के अनुसार सितम्बर 2014 के बाद सेवा छोड़ने वालों और सेवा में रहने वालों को 4 महीने के भीतर उच्च पेंशन का विकल्प दिया जाना चाहिए।

लेकिन ईपीएफओ ने विकल्प को स्वीकार करने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। और न ही किसी तरह की कार्यवाही शुरू की है। ऐसे में ईपीएफओ के खाताधारक बहुत परेशान है। दफ्तर दफ्तर भटक कर आगे की कार्यवाही के लिए परेशान हो रहे है और सुर्पीम कोर्ट की ओर से दिया गया समय निकलते जा रहा है।

हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 2014 के परिवर्तनों को सही बताते हुए पेंशन की गणना 15000 की लिमिट पर करने और 15000 से अधिक वेतन वाले कर्मचारियों को भी सीलिंग के आधार पर पेंशन का सदस्य बनाने की बात कही है। वही सीलिंग लिमिट के ऊपर 1.16% के अलग से हिस्सेदारी को देने के लिए माना कर दिया है।

लोकसभा में सांसदों ने उठाये सवाल।

हलाकि, इस मामले में स्पष्टता की कमी है कि क्या 2014 से पहले सेवा छोड़ने वाले उच्च पेंशन का विकल्प दे सकते हैं। लोकसभा में एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि सरकार को इस संबंध में बयान देना चाहिए। और पेंशनर्स के भ्रम को स्पष्ट करना चाहिए, वही सुरेश ने आरोप लगाया कि फैसले के निष्पादन में जानबूझकर देरी की जा रही है।

यह भी पढ़े :

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *