1 मई मजदूर दिवस के अवसर पर DLW ने अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

वाराणसी | आज दिनांक 1 मई 2022 दिन रविवार शाम 5:00 बजे, कर्मचारी क्लब ब.रे.का. वाराणसी में DLW, रेल मजदूर यूनियन, वाराणसी, के बैनर तले बनारस रेल इंजन कारखाना के हजारों कर्मचारियों ने मजदूर दिवस के अवसर, मजदूरों के हितों के लिए शहादत देने वाले शिकागो के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया।

1 मई को क्यों मनाया जाता है ? मजदूर दिवस।

मजदूर दिवस के मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने सभा सम्बोधित करते हुए ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी ने कहा कि अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूरों ने 1886 में आत्मबलिदानी संघर्ष के जरिए “आठ घंटे काम का दिन” का आधिकार हासिल करने के लिए पहली बड़ी हड़ताल संगठित की थी।

तब पूंजीपति अपने यहां कार्यरत मजदूरों से 12 से लेकर 16 घण्टे तक काम लेकर उनका भारी शोषण करते थे। इस ऐतिहासिक हड़ताल का वहां की पूंजीवादी सरकार ने भारी दमन किया। 3 और 4 मई को हड़ताली मजदूरों पर गोलियां चलाई गई। 6 मजदूर इस गोलीकांड में शहीद हुए तथा 200 से ज्यादा मजदूर घायल हुए। 7 प्रमुख मजदूर नेताओं को गिरफ्तार किया गया और एक बाद में स्वयं अपने साथियों का साथ देने के लिए कोर्ट में हाजिर हुए।

जिनमें से मजदूर नेता अलवर्ट पार्सन्स, अगस्त स्पाइस, जार्ज एंजेल और अडालफ फिशर को 11 नवंबर 1887 को फांसी पर लटका दिया गया। एक मजदूर नेता लूई लिंग ने पूँजीवादी सरकार की फांसी पर चढ़ने के बजाए पहले ही खुद को बम उड़ा लिया। सैमुअल फीलडन व माईकल शाअब को उम्र कैद की सजा दी गई।

प्रदीप यादव ने किया सभा को सम्बोधित।

मजदूर दिवस के मौके पर सभा को संबोधित करते हुए डॉ DLW रेल मजदूर यूनियन वाराणसी के अध्यक्ष एवं सदस्य कर्मचारी परिषद ब .रे .का . वाराणसी श्री प्रदीप यादव कहा कि आज के हालत 1886 से कम बदतर नहीं है। इन 136 वर्षों में दुनिया के मजदूरों ने अपने ऐतिहासिक संघर्ष और भारी कुर्बानियों के बल पर 8 घंटे की ड्यूटी, न्यूनतम वेतन कानून, सामाजिक सुरक्षा जैसे तमाम श्रम अधिकार हासिल किए थे, आज की पूंजीपति परस्त सरकारें उन अधिकारों को खत्म करने पर लगी हैं।

भारत में भी 44 श्रम कानूनों को खत्म कर केंद्र सरकार ने चार श्रम कोड में तब्दील कर दिया है। इसके जरिये 8 घण्टे की ड्यूटी, न्यूनतम वेतन कानून जैसे तमाम श्रम अधिकारों को खत्म कर पूंजीपतियों को मजदूरों के खुले शोषण की छूट दे दी है। सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र का लगातार निजीकरण किया जा रहा है। मजदूरों के वर्षों के संघर्ष से प्राप्त श्रमिक अधिकारों को ख़त्म कर रही हैं ।

डीएलडब्लू रेल मजदूर यूनियन , संगठन मंत्री कॉम. सुशील कुमार सिंह ने को सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभी को अपने अधिकारों के लिए एक जुटता से कर्मचारी विरोधी नीतियों का विरोध करेंगे। आई आर ई एफ के सहायक महामंत्री कॉम. राजेन्द्र पाल आदि ने संबोधित किया। श्रद्धांजलि सभा में कॉम. मदन कुमार,कौशल चौरसिया,अमित कुमार,धीरेंद्र कुमार,अशोक कुमार, कमलेश सिंह, सुधीर बाबू, रतन कुमार, बिक्रम मीणा, चितरंजन कुमार, संजय चतुर्वेदी, सरोज कुमार सिंह समेत हजारों रेल कर्मचारी उपस्थित रहे। सभा का संचालन कॉम. देव नारायण भट्ट के द्वारा किया गया।

माध्यम : DLW, रेल मजदूर यूनियन, वाराणसी।

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