EPF Pension Hike, पीएफ ब्याज और निकासी पर लोकसभा से आये जवाब।

बीते सोमवार को लोकसभा में आंतरिक प्रश्न संख्मा 2332 के तहत श्री ए. गणेशमूर्ति, श्रीमती शर्मिष्ठा सेठी, प्रो. सौगत राय और
डॉ. एम के विष्णुप्रसाद जी की ओर से पूछे गए सवालो का जवाब देते हुए भारत सरकार श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से राज्यमंत्री, रमेश्वरः तेली ने ईपीएस 95 पेंशन में वृद्धि (EPF Pension Hike), पीएफ ब्याज (PF Interest) और 6 महीने से कम की नौकरी पर पीएफ निकासी को लेकर लोकसभा में किये गए निम्न सवालो के निम्न जवाब दिए है।

EPF Pension Hike, पीएफ ब्याज और पीएफ निकासी न्यूज़ लोकसभा।

(क) क्या सरकार का विचार कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा राशियों पर ब्याज दर बढ़ाने पर, पुनर्विचार करने का है और यदि हां ,तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है ;

कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना,1952 के पैरा 6D (1) के उपबंधी के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) प्रत्येक सदस्य के खाते में ऐसी दर पर ब्याज जमा करेगा जो केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी), कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के परामर्श से केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी।

ईपीएफ पर ब्याज दर, ईपीएफ द्वारा अपने निवेश से प्राप्त आय पर निर्भर है और ऐसी आय केवल ईपीएफ योजना,1952 के अनुसार सवितरित की जाती है। वर्ष 2021-22 के लिए सीबीटी, ईपीएफ ने वित्तीय वर्ष के लिए ईपीएफ पर 8.10 प्रतिशत ब्याज दर के सिफारिस के थी, जिसे सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है और यह अन्य तुलनीय योजनाओ अर्थात सामान्य भविष्य निधि (7.10 %) वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (7.40 %) सुकन्या समृद्धि खाता योजना (7.60 %) की तुलना में अधिक है। वर्ष 2021-2022 के लिए ईपीएफ जमा पर स्वीकार ब्याज दर (8.10 %) पर पुनर्विचार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

(ख) ईपीएफ पेंशन योजना आरम्भ होने के बाद से सेवानिवृत्त कर्मचारी के लिए न्यूनतम मासिक पेंशन कितनी है और जीवनयापन की लागत में वृद्धि और उच्च मुद्राफिटी के बावजूद न्यूनतम मासिक पेंशन में वृद्धि नहीं करने के क्या कारण है;

ईपीएस, 1995 एक निश्चित योगदान – निश्चित लाभ सामाजिक सुरक्षा योजना है। कर्मचारी पेंशन समय निधि (1) नियोक्ता द्वारा वेतन के 8.33 % की दर से अंशदान,और (2) वेतन के 1 .16 % की दर से 15000/- रुपये प्रति माह तक के बजटीय सहायता के माध्यम से केंद्र सरकार की ओर से किये गए अंशदान से चलती है। इस योजना के तहत सभी लाभी का भुगतान इस तरह के संचयन से किया जाता है। ईपीएस,1995 के अनुच्छेद 32 के तहत अनिवार्य रूप से निधि का सालाना मल्यांकन किया जाता है। और 31.03.2019 की स्थति के अनुसार निधि के मूल्यांकन से बीमांकित घाटे का पता चलता है। हलाकि सरकार पहली बार कर्मचरी पेंशन योजना (ईपीएस 1995) के तहत 01.09.2014 से पेंशन भोगियो को अतिरिक्त बजटीय सहायता प्रदान करते हुए प्रति माह 1000/- रुपये का न्यूनतम पेंशन प्रदान करती है। इसके अलावा कर्मचारी भविष्य निधि संघठन (ईपीएफओ) को सदस्यों की वेतन के 1.16% प्रतिशत के रूप में बजटीय सहायता प्रदान करती है।

(ग) क्या सरकार के पास ईपीएफओ के लिए नई केंद्रीय पेंशन सवितरण प्रणाली आरंभ करने का कोई प्रस्ताव है और यदि हां, तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है और ईपीएफओ में राज्यवार कितने पेंशनभोगी नामांकित है;

जी, नहीं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में नामांकित पेंशन भोगियो की संख्या का राज्य/संघ राज्य व क्षेत्रवार वितरण अनुबंध पर है।

(घ) क्या पेंशनभोगियो को छः महीने से पहले अपनी जमा राशि निकालने की अनुमति देने का कोई प्रस्ताव है और यदि हां ,तो तत्संबधी ब्यौरा क्या है; और

जी, नहीं।

(ङ) क्या सरकार को ट्रेड यूनियनों और जन प्रतिनिधियों जैसे हितधारकों से ईपीएफ पेंशन योजना के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन योजना के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के लिए मांग प्राप्त हुई है और यदि हां, तो पेंशन को कब तक 9000/- रूपये तक बढ़ाया जायगा ?

जी, हाँ। ईपीएस 1995 के तहत न्यूनतम पेंशन में वृद्धि के लिए व्यक्तिओ के साथ साथ पेंशनभोगी संघो से अभ्यावेदन प्राप्त हुए है। ईपीएस 1995 के तहत न्यूनतम पेंशन में वृद्धि (EPF Pension Hike) करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

http://164.100.24.220/loksabhaquestions/qhindi/179/AU2332.pdf

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