EPS 95 Higher Pension से जुड़े 25 सवालों के जवाब !

दोस्तों इस समय EPFO की ईपीएस 95 पेंशन स्कीम को लेकर, EPS 95 Higher Pension को लेकर कई सवाल आपके मन में भी होंगे। इस पोस्ट में हम उन्हें ही दूर करने का प्रयास करेंगे। और आपको हायर पेंशन से जुडी जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

सवाल 01 – ईपीएफओ क्या है ?

जवाब – EPFO को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाजेशन) कहते है। यह भारत सरकार का एक फण्ड नियंत्रक, अंशदायी पेंशन और बीमा योजना प्रदान करने वाला शासकीय संगठन है। सदस्यों और वित्तीय लेन-देन की मात्रा के हिसाब से देखें तो यह विश्व का सबसे बड़ा सगठन है।

20 या 20 से अधिक कर्मचारी जिन भी कंपनी, संस्था में कार्य करते है उनके कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों को पीएफ में अपना 12%-12% अंशदान करना अनिवार्य होता है। कर्मचारी के 12% और नियोक्ता के 3.67% पैसे को EPF फण्ड में और नियोक्ता के 8.33% पैसे को पेंशन फण्ड में रखा जाता है। EPF फण्ड पर वर्तमान में 8.10% ब्याज भी दिया जा रहा है। इस फण्ड कर्मचारी नियमानुसार सेवा में रहते हुए या सेवा के बाद निकाल सकता है।

सवाल 02 – ईपीएस 95 पेंशन क्या है ?

जवाब – किसी भी ईपीएफओ खाताधारक को यानी मेंबर की सैलरी से हर महीने एक तय अमाउंट (बेसिक वेतन का 12%) ईपीएफ खाते में जमा करवाना होता है। इतना ही कर्मचारी के नियोक्ता द्वारा (बेसिक वेतन का 12%) भी जमा होता है। जिसका 3.37% पैसा EPF में और 8.33 प्रतिशत राशि EPS पेंशन चली जाती है। यहाँ पहले सीलिंग लिमिट 5000/-, 6500/- थी जिसे बढ़ाकर 2014 में 15000/- किया गया मतलब आपकी वेतन चाहे कितनी भी हो आपका योगदान सीलिंग लिमिट पर ही होंगा।

जब कर्मचारी कम से कम 10 वर्ष तक ईपीएफओ में योगदान देता है तो वह ईपीएस पेंशन स्कीम (EPS 95 scheme) के तहत पेंशन पाने का हक़दार हो जाता है और उसे सेवानिवृति (58 वर्ष की उम्र) में एक निश्चित कैलकुलेशन के हिसाब से पेंशन मिलती है। जो वर्तमान में न्यूनतम 1000/- से अधिकतम 7500/- तक है।

सवाल 03 – हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) क्या है ?

जवाब – अभी कोई कर्मचारी ईपीएफओ का खाताधारक है तो, सैलरी से हर महीने एक तय अमाउंट (बेसिक वेतन का 12%) ईपीएफ खाते में जमा करवाना होता है। इतना ही कर्मचारी के नियोक्ता द्वारा (बेसिक वेतन का 12%) भी जमा होता है। जिसका 3.37% पैसा EPF में और 8.33 प्रतिशत राशि EPS पेंशन चली जाती है।

यहाँ सरकार की ओर से सीलिंग लिमिट लगी हुई है की, आपकी वेतन चाहे कितनी भी हो 15000/- रुपये ही आपकी वेतन मानकर उसपर 12% यानि की 1250/- रुपये हर महीने आपके खाते से ईपीएफओ में जमा होते है। अगर आप हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) चुनते है। तो आपकी पूरी वेतन पर योगदान होंगा। जिससे आपको पेंशन बढ़ जाएँगी।

सवाल 04 – 01.09.2014 को ईपीएस 95 पेंशन में, ऐसा क्या हुआ ?

जवाब – ईपीएस 95 पेंशन संसोधन

  • सीलिंग लिमिट 6500 से बढ़कर 15000/- की
  • न्यूनतम पेंशन 1000/- अनिवार्य की
  • पेंशन की गणना आखरी 12 महीने की जगह आखरी 60 महीने पर की

सवाल 05 – सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या था ?

जवाब – कम शब्दों में कहु तो, जिन्हे उच्च पेंशन का विकल्प चुनने का मौका नहीं मिला उन्हें दोबारा मौका देना।

सवाल 06 – EPFO का सर्कलर क्या कहता है ?

जवाब – संक्षेप में समझे तो। …

01.09.2014 के पहले –

  • 01.09.2014 के पहले सेवानिवृत हुए हो
  • पहले हायर पेंशन के लिए विकल्प का प्रयोग किया हो, और उसे EPFO ने निरस्त किया हो
  • 5000/- या 6500/- की सीलिंग के ऊपर योगदान दिया हो

01.09.2014 के बाद –

  • 01.09.2014 को सेवा में रहे हो या बाद में सेवानिवृत हुए हो।
  • पहले कभी पैरा 11(3) तहत विकल्प का प्रयोग नहीं किया हो
  • 5000/- या 6500/- की सीलिंग के ऊपर योगदान किया हो

सवाल 07 – जो लोग 01.09.2014 से पहले सेवानिवृत्त हुए थे, वे अब EPS 95 Higher Pension का विकल्प चुन सकते हैं।

जवाब – यदि उन्होंने अपनी सेवा अवधि के दौरान उच्च पेंशन का विकल्प चुना था और ऐसे विकल्पों को ईपीएफओ द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था।

सवाल 08 – क्या वे लोग जो 01.09.2014 को या उसके बाद सेवानिवृत हुए हैं, अब हायर पेंशन का चयन करने के पात्र हैं?

जवाब – जो लोग 01.09.2014 को या उसके बाद सेवानिवृत्त हुए हैं, वे अब विकल्प चुन सकते हैं यदि वे वास्तविक वेतन पर ईपीएफ में योगदान कर रहे थे और 01.09.2014 से पहले उच्च पेंशन का विकल्प नहीं चुना था।

सवाल 09 – जो वर्तमान में ईपीएस के सदस्य है EPFO में काम कर रहे हैं क्या वे अब विकल्प चुन सकते हैं?

जवाब – यदि सदस्य 01.09.2014 से पहले ईपीएस में शामिल हुआ है, और अभी भी नौकरी जारी है तो, वे अब विकल्प चुन सकते हैं यदि वे वास्तविक वेतन पर ईपीएफ में योगदान कर रहे है और 01.09.2014 से पहले उच्च पेंशन का विकल्प नहीं चुना था।

सवाल 10 – क्या 01.09.2014 के बाद EPFO/ईपीएस 95 में शामिल हुए लोग अब हायर पेंशन चुनने के पात्र हैं ?

जवाब – नहीं है।

सवाल 11 – ईपीएफ का पैरा 26(6) क्या है?

जवाब – ईपीएफ का पैराग्राफ 26(6) वह प्रावधान है जिसके द्वारा सदस्य वैधानिक सीमा से अधिक ईपीएफ में योगदान करने का विकल्प चुन सकता है। इसके लिए सदस्य और नियोक्ता को संयुक्त रूप से लिखित रूप में एक आवेदन जमा करना होगा, जो APFC के एक अधिकारी द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।

सवाल 12 – क्या पैरा 26(6) के तहत विकल्प अभी चुनने के लिए अनिवार्य है?

जवाब – हाँ। उच्च पेंशन विकल्प केवल तभी प्रस्तुत किया जा सकता है जब कोई सदस्य अपने वास्तविक वेतन पर ईपीएफ के लिए पैरा 26(6) के तहत विकल्प का प्रयोग करके योगदान दे रहा हो।

सवाल 13 – ईपीएस 1995 का पैरा 11(3) क्या है?

जवाब – पूर्व-संशोधित ईपीएस 1995 का पैरा 11(3) 16.11.1995 से वास्तविक वेतन पर या नियोक्ता के साथ एक संयुक्त विकल्प प्रस्तुत करके जो भी बाद में वैधानिक सीमा से अधिक हो, उस दिन से वास्तविक वेतन पर पेंशन योजना के लिए योगदान करने का विकल्प प्रदान करता है।

सवाल 14 -ईपीएस 1995 का पैरा 11(4) क्या है?

जवाब – ईपीएस 1995 के संशोधन पर 01.09.2014 से पैराग्राफ 11(3) को हटा दिया गया है। हालांकि, पैरा 11(3) के तहत पहले से प्रयोग किए गए विकल्पों को जारी रखने का मौका पैरा 11(4) में प्रदान किया गया है। इस पैराग्राफ के अनुसार, जिन्होंने पहले ही पैरा 11(3) के तहत विकल्प चुना था, वे 01.09.2014 से छह महीने के भीतर नियोक्ता के साथ एक संयुक्त विकल्प देकर अपने विकल्प को नवीनीकृत कर सकते हैं.

सवाल 15 – यदि कोई सदस्य जिसने पैरा 11(3) के तहत विकल्प चुना था, एक वर्ष के भीतर अपने विकल्प का नवीनीकरण नहीं करता है। क्या हो जाएगा?

जवाब – 11(4) के तहत एक वर्ष के भीतर उसका विकल्प रद्द कर दिया जाएगा और वैधानिक सीमा से अधिक प्राप्त अंशदान को ईपीएफ में भेज दिया जाएगा।

सवाल 16 – यदि एक सदस्य ने 11(3) के तहत विकल्प चुना है और एक वर्ष के भीतर 11(4) के तहत अपने विकल्प का नवीनीकरण नहीं किया है, तो क्या वह अभी विकल्प चुन सकता है?

जवाब – नहीं, चूंकि उसका विकल्प उसकी अपनी निष्क्रियता के कारण रद्द कर दिया गया है, वह अब अपने विकल्प को नवीनीकृत नहीं कर सकता है।

सवाल 17 – हायर पेंशन, अब कौन चुन सकता है

जवाब – उपरोक्त को सारांशित करके, निम्नलिखित सदस्य अब चुन सकते हैं

  • वे जो 01.09.2014 से पहले चले गए और अपनी सेवा के दौरान चुना लेकिन ईपीएफओ द्वारा अस्वीकार कर दिया गया।
  • जो 01.09.2014 को या उसके बाद सेवा में हैं और यदि वे योगदान दे रहे हैं

सवाल 18 – अब कौन उच्च पेंशन विकल्प के लिए पात्र नहीं हैं

जवाब –

  • जो बिना किसी विकल्प का प्रयोग किए 01.09.2014 से पहले सेवानिवृत हो चुके है।
  • जो वैधानिक सीमा पर ईपीएफ के लिए योगदान कर रहे हैं।
  • जिन्हें 11(3) के तहत विकल्प दिया गया है लेकिन 11(4) के तहत एक वर्ष के लिए नवीनीकृत नहीं किया गया है।
  • और जो 01.09.2014 के बाद ईपीएस योजना में शामिल हुए है।

सवाल 19 – जॉइंट ऑप्शन फॉर्म कैसे भरे ?

जवाब – EPFO की वेबसाइट से ऑनलाइन

सवाल 20 – हायर पेंशन का विकल्प चुन लूं तो क्या मेरे इम्पलॉयर को मेरे लिए ज्यादा पैसा जमा करन होगा?

जवाब – ऐसा बिलकुल भी नहीं होगा. इसमें न तो नियोक्‍ता पर कोई बोझ पड़ने वाला है और न ही कर्मचारी पर. बस, नियोक्‍ता की ओर से EPS और EPF खाते में जमा होने वाली रकम में बदलाव आ जाएगा और यह काफी ज्‍यादा होगा. कैसे, मान लीजिए आपकी बेसिक और डीए की कुल रकम 1,00,000 रुपये हुई तो अब इसका 8.33 फीसदी यानी 8,330 रुपये का अंशदान नियोक्‍ता EPS फंड में करेगा, जबकि EPF में 3.67 फीसदी यानी 3,670 रुपये ही जाएंगे.

सवाल 21 – ज्यादा पेंशन, मतलब कितनी ज्यादा?

जवाब – दरअसल, पहले पीएफ खाताधारक (PF Account Holder) के लिए पेंशन की गणना 6,500 रुपये के वेतन को ही आधार मानकर की जाती थी. इसका फॉर्मूला था- पेंशन योग्‍य वेतन x नौकरी के साल/70. अगर किसी व्‍यक्ति ने 35 साल की नौकरी की तो इस फॉर्मूले पर वह रिटायरमेंट के बाद 3,250 रुपये पेंशन का हकदार होगा. EPF वेज बढ़कर 15 हजार हुआ तब इसी फॉर्मूले पर पेंशन बढ़कर 7,500 रुपये महीने पहुंच गई. यानी 35 साल नौकरी के बाद रिटायर हुआ तो मासिक पेंशन 7,500 रुपये बनेगी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसका फॉर्मूला बदला और नौकरी के अंतिम 60 महीने के औसत वेतन को पेंशन योग्‍य सैलरी माना.

मौजूदा फॉर्मूले से जाएं तो क्‍या होगा-

  • मान लीजिए आपकी नौकरी के आखिरी 60 महीने का औसत वेतन 1 लाख रुपये.
  • अब कैलकुलेशन होगा 1 लाख गुणा नौकरी के कुल साल. इसे 70 से भाग किया जाएगा.
  • इस फॉर्मूले पर आपकी पेंशन बनेगी 50 हजार रुपये.
  • अब समझे न कि पहले 7,500 रुपये पेंशन बन रही थी और अब 50 हजार की बनेगी. यानी 42,500 रुपये ज्‍यादा.

सवाल 22 – यदि मैं हायर पेंशन का विकल्प चुनता हूं तो मेरी मंथली टेक होम सैलरी पर क्या असर पड़ेगा?

जवाब – एक्‍सपर्ट का इस बारे में साफ जवाब है – कोई नहीं. कर्मचारी के हाथ में आने वाले वेतन में कोई बदलाव नहीं होगा.

सवाल 23 – फिर कर्मचारी पर असर कैसे होगा?

जवाब – हां, EPS 95 Higher Pension का असर आपके रिटायरमेंट फंड पर जरूर होगा. जब कर्मचारी रिटायर होंगे तो उनके पीएफ खाते में जमा रकम हायर पेंशन का ऑप्‍शन चुनने की वजह से कम हो जाएगी. इसका मतलब हुआ आपके हाथ में आने वाली एकमुश्‍त रकम घट जाएगी, लेकिन पेंशन वाली रकम बढ़ जाएगी.

सवाल 24 – EPS 95 Higher Pension चुनना चाहिए या नहीं ?

जवाब – देखिए, इसका सभी के लिए स्पष्ट जवाब नहीं दिया सकता। इस बदलाव का हर कर्मचारी पर अलग असर होगा और उन्‍हें अपने नफा-नुकसान को देखते हुए सही विकल्‍प चुनना चाहिए।

  • अगर आपकी नौकरी के कम साल बचे हैं और वेतन में ज्‍यादा बढ़ोतरी की उम्‍मीद नहीं तो आपको फंड बनाने पर जोर देना चाहिए और पुरानी व्‍यवस्‍था के तहत अपने PF खाते में ज्‍यादा रकम जमा करानी चाहिए।
  • अगर नौकरी की शुरुआत कम वेतन पर हुई थी और अब आपको अच्‍छी-खासी सैलरी मिल रही है और नौकरी के कुछ साल बाकी भी हैं, तो EPS 95 फायदे का सौदा है और आपको जरूर चुनना चाहिए।

सवाल 25 – क्या मैं हायर पेंशन पाने के लिए इनरॉल कर सकता हूं?

जवाब – यहां एक बात जानना बेहद जरूरी है कि यह योजना सभी कर्मचारियों के लिए नहीं है. सिर्फ वही कर्मचारी इसका चुनाव कर सकते हैं, जो 2014 से पहले EPFO के सदस्‍य रहे हों. पहले भी EPFO ने इसे चुनने के लिए 6 महीने तक अपनी विंडो खोली थी, लेकिन अब 3 मई, 2023 तक इसका चुनाव करने का विकल्‍प दिया है.

सवाल 26 – हायर पेंशन calculation कैसे होंगी।

जवाब – जानकारी आनी बाकि है।

सवाल 27 – क्या फण्ड भी जमा करना होंगा ?

जवाब – हाँ, यदि जरूरत पड़ी तो।

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