EPS 95 Supreme Court judgement : ईपीएस 95 सुप्रीम कोर्ट का फैसला।

EPS 95 Higher Pension Supreme Court Judgement In Hindi – कर्मचारी भविष्य निधि संघठन के अंतर्गत आने वाले 73 लाख ईपीएस 95 पेंशनर्स और 6.5 करोड़ से अधिक ईपीएफओ के अंशधारक आज सुप्रीम कोर्ट की ओर आशा भरी नजरो से देख रहे है। लम्बे अरसे के बाद, तीन जजों की पीठ के सामने चल रही सुनवाई के बाद, Supreme Court ने ईपीएस 95 पेंशनर्स की हायर पर अंतिम फैसला सुरक्षित रख लिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील में फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें 1995 की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत “पेंशन योग्य वेतन के निर्धारण” पर संशोधन को “अल्ट्रा” के रूप में रद्द कर दिया गया था।

क्या है ? ईपीएस 95 हायर पेंशन का मामला।

जब एम्प्लोयी पेंशन स्कीम 1995 (eps 95) लागु की गई थी तब उस समय कर्मचारी की अधिकतम वेतन 6500/- का 8.33% हिस्सा पेंशन में जमा होता था। जिससे उन कर्मचारियों को बहुत कम पेंशन मिलती थी, जिनकी वेतन अधिक होती थी। क्योकि यदि की कर्मचारी की वेतन 30,000/- भी है तो उसे 6500 की सीलिंग लिमिट पर ही अपना योगदान करना होता था।

ऐसे अगले संशोधन में कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों की समहमति से हायर पेंशन का विकल्प कर्मचारियों को दिया गया। जिसके बाद कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की सहमति से कर्मचारी की पूरी वेतन का 8.33% हिस्सा पेंशन में जमा करने की अनुमति मिली और कई कर्मचारियों ने इस विकल्प का लाभ भी लिया, ताकि जब वह रिटायरमेंट हो तो उन्हे अधिक पेंशन मिल पाये।

लेकिन 1 सितम्बर 2014 को सरकार ने सेलिंग लिमिट 6500/- से बढ़ाकर 15000/- करने के साथ पेंशन की गणना और हायर पेंशन जैसे विकल्प को समाप्त कर दिया। जिससे ईपीएफओ के पेंशनभोगियो की पेंशन में कमी आयी और पेंशन धारको ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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केरला हाईकोर्ट का फैसला।

केरला हाईकोर्ट में ईपीएस 95 पेंशन धारको के हायर पेंशन और सम्बंधित मामलो पर सुनवाई करते हुए 12 अक्टुम्बर 2018 में फैसला सुनाया था। याचिकाओं में कुछ याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि ईपीएस में 2014 में जो संशोधन किए गए, उससे अधिकतम पेंशन योग्य वेतन सीमा 15,000 रुपये मासिक कर दी गयी, जो इस योजना की मूल भावना के खिलाफ है। पेंशनधारको की पेंशन में कमी आ रही है।

जिसपर केरला हाईकोर्ट ने EPFO को 2014 के संसोधनो में सुधार कर्मचारियों को उनकी अंतिम वेतन के हिसाब से पेंशन तथा हायर पेंशन के हिसाब से पेंशन का भुगतान करने का आदेश दिया था।

ईपीएस 95 सुप्रीम कोर्ट का फैसला EPS 95 Supreme Court judgement

केरला हाईकोर्ट के फैसले के बाद EPFO में मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गया और पेंशन धारको को हायर पेंशन नहीं देने, पेंशन की गणना नए तरीके से करने पर अड़े रहे। लेकिन 1 अप्रेल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से पेंशनधाकरो के पक्ष में फैसला सुनाया और केरला हाईकोर्ट के फैसले को सही बताते हुए, कर्मचारियों को उच्च पेंशन (Higher Pension) का लाभ देने की बात को बरकार रखा।

EPS 95 Higher Pension Supreme Court Judgement In Hindi

लेकिन इसके बाद भी EPFO की ओर से एक पुनः विचार याचिका दायर की गई है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट की पहले दो जजों की पीठ और अब तीन जजों की पीठ के सामने सुनवाई सम्पन्न हो चुकी है।

गुरुवार को सुनवाई संपन्न होने के बाद सूत्रों की माने तो सुप्रीम कोर्ट ने EPFO की दलील, की यदि हायर पेंशन लागु की जाये तो इपीएफओ को 15 लाख करोड़ का खर्च बैठेंगा, इसे ख़ारिज कर दिया है। और लगातार चली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह के देश भर के लगभग 67 मामलो पे सुनवाई की है। ताकि सभी पर एक साथ कार्यवाही की जा सके। जिससे उम्मीद जताई जा रही है की सुप्रीम कोर्ट जल्द ही अपना अंतिम निर्णय दे सकता है।

EPS 95 Supreme Court Next Date Of Hearing

माननीय सुप्रीम कोर्ट अगले एक महीने के भीतर कभी भी अपना फैसला सुना सकता है। जैसे अंतिम निर्णय निकलकर आयेंगा आपको इसी पोस्ट में अपडेट कर सूचित किया जायेंगा।

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